नई दिल्लीः देश भर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. कोरोना मरीजों की संख्या को कम से कम करने के लिए सरकार ने 14 अप्रैल तक देश में लॉकडाउन की घोषणा कर चुकी है.


काफी कोशिश के बाद भी देश में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इलाकों को चिन्हित कर उसे कोरोना हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है.



हॉटस्पॉट कैसे-कब बनती है?


राज्य सरकार के अधिकारी किसी भी इलाके को कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में घोषित कर सकते हैं. हॉटस्पॉट घोषित करने के लिए अधिकारी कंफर्म हो जाते हैं कि इस इलाके में ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हैं या उन इलाकों में संक्रमण की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.


जरूरी नहीं कि हॉटस्पॉट घोषित करने के लिए इलका ही हो. यह भी जरूरी नहीं कि वह बड़ी या छोटी बस्ती हो. हॉटस्पॉट कुछ घरों से लेकर मोहल्‍ला, कॉलोनी या फिर पूरे सेक्‍टर तक, यहां तक कि किसी अपार्टमेंट को भी एक हॉटस्‍पॉट माना जा सकता है.


कोरोना वायरस के समय में वह इलाका जहां कई पॉजिटिव मरीज मिले हों. ऐसे इलाकों में आगे भी संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो ऐसे इलाके को हॉटस्‍पॉट कहा जाता है.


लॉकडाउन फॉलो न करने पर बढ़ाई जाती है सख्ती


हॉटस्‍पॉट के लिए यह भी देखा जाता है कि वहां के लोग खुद से लॉकडाउन फॉलो कर रहे हैं या सख्‍ती बढ़ाने की जरूरत है. अगर इन इलाकों में लोग लॉकडाउन को फॉलो नहीं करते हैं तो सख्ती बढ़ा दी जाती है.


राज्य सरकार भी अपने स्तर पर इस वायरस से लड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. इसी क्रम में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है.


यूपी और दिल्ली में कई हॉटस्पॉट 


वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जिलों में कई जगहों को कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया है. जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 20 इलाकों को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया है.


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