Covid-19 Vaccine: कोविशील्ड, कोवैक्सीन से 95 फीसदी सुरक्षा मिली, हेल्थकेयर वर्कर्स पर रिसर्च में खुलासा
कोविड-19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान में शामिल दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन से 95 फीसद सुरक्षा मिलने का खुलासा हुआ है. रिसर्च के नतीजों को MedRxiv में प्रकाशित किया गया है. गौरतलब है कि दोनों वैक्सीन का निर्माण भारत में हो रहा है.
इस वक्त भारत के टीकाकरण अभियान में कोविड-19 के खिलाफ दो वैक्सीन शामिल हैं. पहली भारत बायोटेक की कोवैक्सीन नामक कोविड-19 वैक्सीन और दूसरी सीरम इंस्टीट्यट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड नाम से कोविड-19 वैक्सीन. एक रिसर्च में कोवैक्सीन और कोविशील्ड से 95 फीसद सुरक्षा मिलने का खुलासा हुआ है. टीकाकरण के दो डोज के बाद लोगों को कोविड-19 से सुरक्षा देने में 95 फीसद दोनों वैक्सीन सफल रहीं.
कोविशील्ड और कोवैक्सीन से मिली 95 फीसद सुरक्षा-रिसर्च
आंध्र प्रदेश के गुंटूर और हैदराबाद समेत 22 शहरों और 13 राज्यों में हुए रिसर्च के लिए हेल्थकेयर वर्कर्स को शामिल किया गया. नतीजों से पता चला कि 515 हेल्थकेयर वर्कर्स (305 पुरुष, 210 महिला) में दोनों वैक्सीन के दो डोज के बाद 95 फीसद सेरोपॉजिटिविटी मिला. दोनों वैक्सीन के संयुक्त नतीजे में सेरोपॉजिटिविटी दर 60 साल के मुकाबले कम उम्र के प्रतिभागियों में काफी अधिक देखा गया, जबकि 60 साल से ऊपर या टाइप 2 डायबिटीज पीड़ितों का सेरोपॉजिटिविटी दर काफी कम था. देश भर के विभिन्न अस्पतालों और केंद्रों के शोधकर्ता रिसर्च का हिस्सा थे. रिसर्च में कहा गया कि दोनों में से कोई भी वैक्सीन लगवाने पर हल्का से मध्यम प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव वॉलेंटियर्स को हुआ और किसी को भी गंभीर साइड-इफेक्ट्स का सामना नहीं करना पड़ा.
22 शहरों, 13 राज्यों में हेल्थकेयर वर्कर्स को किया गया शामिल
बताया जाता है कि ये रिसर्च अपनी तरह का पहला है जिसमें हेल्थकेयर वर्कर्स को शामिल किया गया और उनको पूरे भारत से टीकाकरण के दोनों डोज लगाए गए. वैक्सीन के असर का पता लगाने के लिए ज्यादातर रिसर्च अब तक लैब आधारित रहे हैं. रिसर्च के मुताबिक, दोनों वैक्सीन ने दो डोज के बाद वॉलेंटियर्स के बीच अच्छा इम्यून रिस्पॉन्स पैदा किया. सेरोपॉजिटिविटी दर 60 साल के मुकाबले कम उम्र के प्रतिभागियों में 93 फीसद थी, जबकि 60 साल से ऊपर या टाइप 2 डायबिटीज रोगियों में सेरोपॉजिटिविटी की दर 87.2 फीसद मिली. हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के बीच सेरोपॉजिटिविटी दर में कोई अंतर नहीं था. दिलचस्प बात ये है कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित नहीं थे, उनके सेरोपॉजिटिविटी दर में स्पष्ट महत्वपूर्ण अंतर नहीं था.
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