Mumbai Coronavirus: मुंबई में एक तरफ कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ टीकाकरण केंद्रों पर कोविशील्ड वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो चुका है. सायन सोमैया कोविड जंबो वैक्सिनेशन सेंटर में केवल कॉर्बेवैक्स और कोवैक्सीन ही बची है, लेकिन कोविशील्ड यहां समेत मुंबई के अधिकतर अस्पतालों में इसका स्टॉक खत्म हो चुका है.
सोमैया कोविड जंबो वैक्सिनेशन सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अमित ने बताया के पिछले कई महीनों से टीकाकरण केंद्रों पर लोगों की संख्या काफी कम हो चुकी है. अधिकतर लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगाए हैं, जो लोग कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के लिए आते हैं, उन्हें हम बताते हैं कि कॉर्बेवैक्स भी लगाई जा सकती है. कई महीनों से वैक्सीन लेने वालों की संख्या कम हो चुकी है. साथ ही दावा किया कि हमें नहीं बताया गया कि कब तक कोविशील्ड वैक्सीन का स्टॉक मिलेगा.
सरकार ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर गौतम भंसाली ने कहा कि वैक्सीनेशन सेंटर में कोविशील्ड ना होने का कारण मांग की कमी है. साथ ही दावा किया कि यह कमी प्राइवेट अस्पतालों में है. इसके अलावा कहा कि ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए. वहीं ‘दूसरी ओर प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकाडमी ऑफ साइंस’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ओमीक्रोन स्वरूप पशुओं से मनुष्यों में फैल सकता है.
यह अध्ययन ओमीक्रोन की उत्पत्ति के संबंध में नया दृष्टिकोण पेश करता है. कोरोना वायरस संक्रमण में सबसे महत्वपूर्ण कदम है, जब वायरस का स्पाइक प्रोटीन होस्ट (व्यक्ति या पशु) के रिसेप्टर से जुड़ता है. रिसर्चरों ने सार्स-सीओवी-2 के ओमीक्रोन स्वरूप की संरचना का विस्तृत विश्लेषण किया है. उन्होंने पाया कि ओमीक्रोन स्पाइक प्रोटीन में तमाम ऐसे म्यूटेशन हैं, जो सिर्फ चूहों के रिसेप्टर से मेल खाते हैं और उनसे मनुष्यों के रिसेप्टर पर असर नहीं होगा.
यह भी पढ़ें-
New Covid variant: नया रूप लेकर फिर लौटा कोरोना, डॉक्टर से लेकर साइंटिस्ट तक सबको सताने लगा डर