राज्यसभा में सीपीआई के लीडर संतोष कुमार पी. ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र लिख कर सांसदों की रिहायशी कॉलोनी में सहयोगी स्टाफ के घरों को ‘सर्वेंट क्वार्टर’ नाम दिए जाने पर आपत्ति जताई है और इसे कलोनियल मानसिकता कहा है. सांसद संतोष कुमार ने कहा कि भारत जैसे डेमोक्रेटिक देश में जनता की ओर से चुने हुए सांसदों के सहयोगी स्टाफ को नौकर कहा जाना बेहद आपत्ति जनक है. 


सांसद संतोष कुमार ने राज्यसभा के सभापति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सांसदों के सहयोगी स्टाफ को सर्वेंट कहना संविधान में प्रदत्त बराबरी के मूल सिद्धांत के खिलाफ है. 


सर्वेंट क्वार्टर नाम को बदलने की अपील 


सीपीआई सांसद संतोष कुमार ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से सांसदों की कॉलोनी में सर्वेंट क्वार्टर नाम को बदलने की गुजारिश की है. सांसद संतोष कुमार ने अपने पत्र में कहा कि सांसदों की जितनी भी सरकारी रिहायशी कॉलोनियां हैं, उन सभी में सहयोगी स्टाफ के घरों को सर्वेंट क्वार्टर नाम बदला जाए. सरकारी कामकाज के पत्रों में भी इसे बदला जाए. 


सहयोगी स्टाफ के परिवार एक ही टॉयलेट में जाने को हैं मजबूर 


सांसद संतोष कुमार ने कहा कि दिल्ली के वल्लभ भाई पटेल हाउस (वीपी हाउस) में सहयोगी स्टाफ के घरों की हालत दयनीय है. बहुत से स्टाफ परिवारों को एक ही टॉयलेट में जाना पड़ता है. ऐसे में सहयोगी स्टाफ के घरों के रेनोवेशन और टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत है. 


सहयोगी स्टाफ के मकानों को बड़ा करने की भी अपील 


सांसद संतोष कुमार ने अपने पत्र में सांसदों के सहयोगी स्टाफ के मकानों में मौजूद बेहद कम स्पेस पर भी सवाल उठाया. सीपीआई सांसद ने कहा कि ये मकान बेहद छोटे हैं और इनमें एक परिवार बड़ी मुश्किल से ही रह पाता है. ऐसे में एक सहयोगी स्टाफ के परिवार को रहने के लिए सम्मानजनक स्पेस मिलना चाहिए. 


यह भी पढ़ें- Maulana Tauqeer Raza: ‘अंदर ही अंदर भर रहा लावा, किसी दिन फट जाएगा ज्वालामुखी’, तौकीर रजा ने मुस्लिमों से कर दी ये अपील