Lok Sabha Elections 2024: सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के हालिया बयानों को लेकर सवाल उठाए है. उन्होंने हिमंत बिस्व सरमा की आलोचना करते हुए दावा किया कि बीजेपी फासीवादी तानाशाही के तहत भारत के लिए मनुस्मृति चाहती है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सीताराम येचुरी ने हिमंत बिस्व सरमा की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए बीजेपी से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा, ''उन्हें भारतीय इतिहास के बारे में थोड़ी जानकारी होना चाहिए. संविधान ओबीसी के लिए किसी भी आरक्षण की बात नहीं करता है. ओबीसी की बात मंडल आयोग के बाद ही आई न कि बाबासाहेब आंबेडकर ने दी थी.''
सीताराम येचुरी ने की बीजेपी की आलोचना
उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी के नजरिए की आलोचना की और उन पर अपनी कहानी बनाने का आरोप लगाया. सीताराम येचुरी ने जोर देकर कहा कि संविधान में अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मंडल आयोग के बाद ओबीसी आरक्षण शुरू किया गया था और यह बाबासाहेब आंबेडकर के मूल ढांचे का हिस्सा नहीं था.
देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं- येचुरी
येचुरी ने कहा, ''संविधान के अनुसार आरक्षण पिछड़ेपन पर आधारित है न कि धार्मिक आधार पर. उन्होंने कहा कि जहां तक आरक्षण के मुद्दे का सवाल है, संविधान में स्पष्ट है कि यह पिछड़ेपन के लिए एक आरक्षण है. यह धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं है.''
येचुरी ने संविधान के बारे में बीजेपी की समझ पर चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि वे कई सीटों की मांग करके इसे कमजोर करना चाहते हैं. बीजेपी संविधान को नहीं समझती है, इसलिए वे 400 सीटों की मांग कर रहे हैं, ताकि वे इस संविधान से छुटकारा पा सकें और भविष्य में फासीवादी तानाशाही के तहत भारत के समाज के लिए मनुस्मृति को लागू कर सकें.
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