(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मंत्रालयों के सिर्फ हिंदी जवाब पर CPI सांसद को आपत्ति, जानें- विरोध में क्या किया
सीपीआई(एम) से राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने संसद में मंत्रियों के केवल हिंदी में जवाब देने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने विरोध जताते हुए रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह को मलयालम में पत्र लिखा है.
CPI(M) Rajya Sabha MP John Brittas: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने रविवार (तीन नवंबर, 2024) को संसद में पूछे गए सवालों का केंद्र सरकार के तरफ से दिए जाने वाले 'केवल हिंदी' में जवाबों पर आपत्ति जताई. ब्रिटास ने आरोप लगाया कि यह वैधानिक भाषा प्रावधानों का उल्लंघन करता है और गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों के सदस्यों को अपना संसदीय कार्य प्रभावी ढंग से करने से रोकती है.
माकपा सांसद ने कहा कि उन्होंने “विरोध स्वरूप” रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह को मलयालम में एक पत्र लिखा था, जिन्होंने संसद में उठाए गए उनके सवालों का जवाब हिंदी में दिया था, जबकि दक्षिण भारतीय राज्यों के सांसदों के साथ संवाद/संचार के लिए अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल का ‘नियम और पंरपरा’ है.
राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने मलयालम में दिया जवाब
दरअसल, ब्रिटास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह मुद्दा उठाया और रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह के तरफ से हिंदी में भेजे गए पत्रों और उनकी तरफ से मलयालम में दिए गए जवाब की कापी भी शेयर की. ब्रिटास ने लिखा, “केंद्र सरकार की ओर से दक्षिण भारतीय राज्यों के सांसदों को संबोधित पत्र अंग्रेजी में लिखे जाने का नियम और परंपरा रही है. हालांकि, हाल-फिलहाल में ऐसा नहीं हुआ है. रवनीत बिट्टू ने खासतौर पर हिंदी में लिखने का विकल्प चुना है. मैं उन्हें मलयालम में जवाब देने के लिए मजबूर हूं”
केरल का प्रतिनिधित्व करते हैं जॉन ब्रिटास
ब्रिटास के कार्यालय ने बयान में कहा, “सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह को विरोध स्वरूप मलयालम में प्रतिक्रिया भेजी है. यह कदम भारत की भाषाई विविधता के बावजूद, संसद में पूछे गए सवालों का केंद्र सरकार के केवल हिंदी में जवाब दिए जाने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करता है. जॉन ब्रिटास केरल का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक ऐसा राज्य जिसने हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में नहीं अपनाया है."
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