नई दिल्लीः शक्ति परीक्षण से पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बी एस येदुरप्पा के इस्तीफे के बाद माकपा ने आज सूबे के राज्यपाल वजुभाई वाला के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने भाजपा को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले के गलत साबित होने की दलील देते हुए यह मांग की.


माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने का निर्णय ‘दुर्भावनापूर्ण’ था. उन्होंने कहा ,‘अगर कर्नाटक के राज्यपाल में थोड़ी सी भी शर्म बची है तो उन्हें भी इस्तीफा दे देना चाहिए. बेंगलुरु में बैठकर भ्रष्ट सौदे की कोशिश करने वाले केन्द्रीय मंत्री भी समान रूप से दोषी हैं.’





येदुरप्पा के इस्तीफे के ठीक बाद येचुरी ने ट्वीट कर कहा , ‘भाजपा की भ्रष्ट और आपराधिक युक्तियां पराजित हुई हैं.’





इससे पहले शिवसेना ने भी कर्नाटक के राज्यपाल की बड़ी निंदा की थी और कहा था कि राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए पहले आमंत्रित कर अंसवैधानिक काम किया है.


इससे राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आज कहा कि कर्नाटक में तीन दिन की बी एस येदुरप्पा सरकार के विधानसभा में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण से पहले गिर जाने के बाद राज्य के राज्यपाल वजुभाई वाला को इस्तीफा दे देना चाहिए. पवार ने कहा कि वाला के कदम ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदुरप्पा ने आज कर्नाटक विधानसभा में निर्धारित शक्ति परीक्षण का सामना करने की बजाय इस्तीफा दे दिया. शक्तिपरीक्षण का आदेश उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस और जदएस की उस अर्जी पर दिया जो उन्होंने राज्य में भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल वाला के निर्णय चुनौती देते हुए दायर की थी.

पवार ने मुम्बई में कहा , ‘मैं कांग्रेस और जदएस विधायकों को प्रलोभन में नहीं फंसने के लिए बधाई देता हूं. भाजपा को येयुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने में तेजी नहीं करनी चाहिए थी जब उसके पास एक (स्पष्ट) बहुमत नहीं था.’ उन्होंने कहा कि भाजपा का येदुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय ‘लोकतंत्र के लिए एक झटका’ है इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि येदुरप्पा का इस्तीफा ‘तानाशाही और अहंकार’ के अंत की शुरूआत है. उन्होंने कहा , ‘कर्नाटक में जो हुआ वह लोकतंत्र के खिलाफ है. यह विकृत मानसिकता का अंत है जिसमें मानना है कि किसी भी तरीके से चुनाव जीते जा सकते हैं और सरकारें बनायी जा सकती हैं.’

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है और लोकतंत्र की जीत हुई है. उन्होंने कहा , ‘भाजपा खरीद फरोख्त में लिप्त हो रही थी. वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय से रूकी.’

उन्होंने कहा कि येदुरप्पा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए कि वह अपने इस्तीफे की घोषणा के बाद सदन से निकल गए जबकि ‘राष्ट्रीय गान चल रहा था.’