Brinda Karat On CPM-Congress Alliance: पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में चुनाव को लेकर सियासी गर्मी बढ़ गई है. सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार में जुटी हुई हैं. इस चुनाव में पहली बार लेफ्ट (Left) और कांग्रेस (Congress) एक साथ नजर आ रही हैं. एक-दूसरे की धुर-विरोधी रहीं CPM और कांग्रेस के बीच आखिर गठबंधन कैसे हुआ, इसका जवाब खुद CPM पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने दिया.
कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन पर बात करते हुए वृंदा करात ने कहा कि संविधान को बचाने के लिए दोनों दल एक साथ आए हैं. द लल्लनटॉप से बातचीत में सीपीएम नेता ने कहा, "हर संस्था को आज खत्म किया जा रहा है. हर ऑटोनॉमी को आज खतरा है. पूरे संविधान पर हमला हो रहा है. देश के संविधान के बचाव के लिए और देश के बचाव के लिए हम लोग साथ आए हैं."
BJP-RSS पर हमला किया
उन्होंने कहा, "हमारा फोकस बीजेपी और आरएसएस के हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ है. हम केवल त्रिपुरा में ही नहीं पूरे देश में लोगों का साथ देंगे और उनका साथ लेंगे. पूरे देश के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पढ़ाया जा रहा है." लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को लेकर पीएम मोदी पलटवार करते हुए वृंदा करात ने कहा, "मोदी जी अपने गठबंधन के बारे में कभी कुछ नहीं बताते हैं. वह कितने गठबंधन खो चुके हैं, वो नहीं बताते हैं."
बीजेपी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए सीपीएम नेता ने कहा, "त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार में CPM के कार्यकर्ताओं को मारा-पीटा गया, हमारी पार्टी के कार्यालयों को जलाया गया. बीजेपी सरकार में आतंक का माहौल था. लोग बोलने से भी डर रहे थे. लोग अब हिम्मत कर रहे हैं. अब वे बदलाव चाहते हैं." सत्ता में वापस आने पर उन्होंने कई चीजों में बदलाव करने का वादा किया. उन्होंने कहा, "इन लोगों ने पूरा सिलेबस बदल दिया. ये बच्चों को क्या सिखा रहे हैं. हम सेक्युलरिज्म की तरफ वापस ले जाएंगे."
पीएम मोदी के आरोपों पर पलटवार
पीएम मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए करात ने कहा, "हमारी सरकार में अगर इतना दमन होता तो उसके सबूत कहां हैं. कोई शिकायत तक नहीं है. 2018 का चुनाव एकदम शांतिपूर्ण तरीके से हुआ था. एक भी जगह माहौल नहीं बिगड़ा था. एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जो यह कहता हो कि हम वोट नहीं दे पाए. कांग्रेस को तोड़कर जिन लोगों ने सरकार बनाई वो अपने बचाव का रास्ता निकाल रहे हैं."
करात ने सत्ता जाने का कारण बताया
सीपीएम के हाथों से सत्ता जाने का कारण बताते हुए करात ने कहा, "कांग्रेस और टीएमसी के लोगों को लेकर बीजेपी ने चुनाव लड़ा था. त्रिपुरा के लोगों ने इन लोगों पर विश्वास किया था. अब प्रधानमंत्री उस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. एंटी इनकंबेंसी के बाद भी कम्युनिस्ट पार्टी काफी बेहतर लड़ी थी. उस वक्त हमारे पास रिसोर्सेस की कमी सामने आई थी." उन्होंने कहा, "कॉमन मैनुअल प्रोग्राम जनमत पर होगा. हम अपने मैनिफेस्टो के प्रति प्रतिबद्ध हैं. यदि हमें जनमत प्राप्त होता है तो हम उसे लागू करेंगे."
अडानी मामले पर पीएम मोदी को घेरा
अडानी मामले पर पीएम मोदी को घेरते हुए वृंदा करात ने कहा, "प्रधानमंत्री पूरी दुनिया के बारे में बात करेंगे, लेकिन देश के साधनों की लूट करने वाले अडानी के बारे में एक बात नहीं करते. अडानी का नाम लेने में उनकी जुबान चुप हो जाती है." इससे पहले एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा था, "वे धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. हिंदुत्व की उनकी विचारधारा का धर्म के रूप में हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. यह चुनावी लाभ के लिए हमारे लोगों को बांटने का एक राजनीतिक औजार है."