Shree Jagannatha Temple Puri News: ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर के एक हिस्से में फिर से दरार सामने आई है. यह दरार खासतौर से कमल के आकार की संरचना के भीतर उभरी है. क्रैक के बाद ऐतिहासिक स्थल का संरक्षण करने वाले विशेषज्ञों, मंदिर प्रबंधन समिति और श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ गई हैं. मंदिर के उत्तरी द्वार के निचले हिस्से में यह दरार मिली है, जिससे इस मंदिर को आगे नुकसान की आशंका है.


ब‌िजनेस न्यूज वेबसाइट 'सीएनबीसीटीवी 18' की खबर में बताया गया कि मंदिर परिसर में मूर्तिकला से पत्थर के टुकड़े भी गिरे. मंदिर की वास्तुकला और संरचना को लेकर इसके बाद चिंता और बढ़ गई है, जबकि गुमुटा की कमल की पंखुड़ी में पहले एक छोटी सी दरार दिखी थी. वैसे, ओडिशा में ऐसी मान्यता है कि दरार या फिर कोई अपशगुन एक तरह से सूबे में प्राकृतिक आपदा की चेतावनी होती है.


क्या बोले पुरातत्व अधिकारी?


ताजा दरार के बाद मंदिर में फौरी सर्वे कर बचाव के उपाय किए गए. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नेतृत्व में संरक्षण प्रयासों में शामिल सहायक ज्योतिप्रकाश प्रधान ने दरार वाले हिस्से का सर्वे किया. उन्होंने इस पर रिपोर्ट भी बनाई जिसमें मंदिर की संरचना के संरक्षण के लिए सिफारिश की गई और तत्काल मरम्मत की जरूरत पर बल दिया गया. ज्योतिप्रकाश प्रधान के मुताबिक, "मंदिर के जिस खंड में दरार उभरी, उसे पहले मिट्टी से ढंका गया था. मंदिर के किनारों के कुछ हिस्सों पर अतिक्रमण (बाहर के हिस्सों में अवैध कब्जा) भी किया गया था और उसे ठीक करने के प्रयास चल रहे हैं. परिक्रमा के लिए मिट्टी को हटाना जरूरी हो गया था जिससे दरार का पता चला है."


चार धामों में शामिल है पुरी मंदिर


पुरी में 12वीं सदी का यह मंदिर चार धामों में से एक‌ है. साल 2022 में भी इसके खंभों में दरार दिखी थी, जबकि बाकी संरचनाओं में भी दरार‌ नजर आने के बाद एएसआई ने लेजर तकनीक से दीवारों का सर्वे किया था. सर्वे का मकसद मामूली दरार का भी पता लगाना था जिससे मंदिर की संरचना के संरक्षण में मदद मिलती है. मंदिर में हर साल दर्शन के लिए देश-दुनिया से लाखों लोग पहुंचते हैं.


ये भी पढ़ें:Sharmistha Mukherjee on Congress: 'गांधी-नेहरू परिवार से भी बाहर देखे कांग्रेस', बोलीं पूर्व राष्ट्रपति की बेटी- नेता कौन होगा, मुझे इसकी चिंता रहती है