नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया और चीन के झगड़े के बीच 40 भारतीयों का नाविक दल चार महीनों से समुंदर में फंसा हुआ है. ये जहाज उत्तरी चीन के समुंदर में अगस्त से फंसा है. ये सभी लोग ऑस्ट्रेलिया से जहाज में कोयला लादकर चीन के लिए रवाना हुए थे. चीन सरकार की पाबंदियों के चलते न तो जहाज कंपनी अपने नाविक दल को बदल पा रही है और न ही उसे तट पर जाने की इजाजत दी जा रही है. इतना ही नहीं, सख्त हिदायत दी गई है कि अगर जहाज को किसी दूसरी जगह ले जाने की कोशिश की गई, तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा.


दरअसल, कोरोना संकट के चलते ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव चल रहा है. अमेरिका ने दुनिया में कोरोना वायरस फैलने के पीछे चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए जांच की मांग की थी. ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका के इस कदम का समर्थन किया था. इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच भारत को पिसना पड़ रहा है.


भारतीयों ने लगाई मदद की गुहार
जहाज पर फंसे गौरव सिंह ने बताया कि उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है. इसलिए अब उन्होंने घर की वापसी के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं. गौरव ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'हम लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं. कहीं से भी हमे मदद नहीं मिल रही है. हम भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. हमें अपने घर जाना है. आपसे निवेदन है कि प्लीज हमारी आवाज सरकार तक पहुंचाइए.'


चीन के पोर्ट पर फंसे दूसरे भारतीयों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनका दर्द पहुंचाने की अपील की है. जहाज पर मौजूद एक शख्स ने कहा, 'मेरी उम्र 60 साल से ऊपर है, कितने दिनों तक यहां फंसा रहेंगे हम.' दूसरे शख्स ने अपील करते हुए कहा, 'हमारी बात जल्द से जल्द से सरकार तक पहुंचाओ. हमें घर जाना है. यही हमारी इच्छा है.'


चीन में फंसे भारतीय नाविक आनंद फर्नाजीस के पिता ने कहा, "मेरा बेटा पांच महीने में वापस आ जाता था. अप्रैल में उसका रिव्यू होने वाला था. कोरोना की वजह से अवधि बढ़ गई. अब 13 महीने हो चुके हैं, लेकिन उसके आने का कुछ अता पता नहीं. उसका जहाज चाइना के समुंदर में खड़ा है. चाइना वाले कहीं जाने नहीं दे रहे."


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