नई दिल्ली: देश में पिछले पांच सालों के दौरान दलितों के खिलाफ अपराध के 1.92 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए जबकि औसतन 25 फीसदी मामलों में ही दोषसिद्धि हुई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 से 2016 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के 32353 मामले दर्ज हुए और औसतन 20 प्रतिशत मामलों में ही दोषीसिद्धि हुई.


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लोकसभा में भगीरथ प्रसाद के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि साल 2012, 2013, 2014, 2015 और 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध के कुल 192577 मामले दर्ज किए गए. इनमें 70 फीसदी से अधिक मामलों में आरोप पत्र दाखिल हुए और करीब 25 फीसदी मामलों में दोष सिद्ध हुआ.


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उनके मुताबिक इसी अवधि में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के 32353 मामले दर्ज हुए. इनमें से करीब 75 फीसदी मामलों में चार्जशीट दाखिल किए गए और 20 फीसदी से अधिक मामलों में ही आरोपी दोषी ठहराए गए.