नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स की टीम ने एक किलो हेरोइन के साथ जावेद नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. जावेद दिल्ली में ड्रग सप्लाई के एक रैकेट में शामिल था. क्राइम ब्रांच के मुताबिक बरामद की गई हेरोइन की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में डेढ़ करोड़ रुपये है. पुलिस के मुताबिक जावेद के ऊपर ड्रग्स के तीन मामले पहले से दर्ज हैं.
दरअसल, क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स की टीम ने कुछ दिन पहले बिशन सिंह नाम के एक बड़े ड्रग सप्लायर को ढाई किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था. बरामद की गई हेरोइन की इंटरनेशनल मार्केट में करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये थी. क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स की टीम के लिए ये एक बड़ी गिरफ्तारी थी.
नारकोटिक्स की टीम उसी मामले में काम कर रही थी. तभी टीम को एक मुखबिर ने एक सुलेमानी के बारे में बताया. मुखबिर ने ये भी बताया कि सुलेमानी, बिशन सिंह के लिए काम करता है और वो इस ड्रग्स के इस धंधे में अलग अलग नामों का इस्तेमाल करता है.
इसी सूचना के आधार पर नारकोटिक्स की टीम ने सुलेमानी की तलाश शुरू की. उसके बारे में जानकारी जुटाई गई. तभी क्राइम ब्रांच को पता चला कि सुलेमानी दिल्ली के झड़ौदा इलाके में ड्रग्स की एक खेप की सप्लाई करने के लिए आ रहा है. इसी सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाया और सुलेमानी को 1 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया.
जब सुलेमानी से पूछताछ की गई तो क्राइम ब्रांच की टीम भी उसके अलग अलग नाम जानकर हैरान रह गई. क्राइम ब्रांच को पता चला कि सुलेमानी का असली नाम जावेद है और उसके नकली नाम सोनू, सुलेमानी और भाई जान है. क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स की टीम के मुताबिक ये सभी नाम ड्रग्स की सप्लाई करने के लिए रखे गए थे.
पूछताछ में जावेद उर्फ सुलेमानी ने बताया कि वो उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद का रहने वाला है और वहां वो चूड़ियां बेचने का काम करता था. अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए जावेद साल 1999 में दिल्ली आ गया और दिल्ली के खजूरी खास इलाके में रहने लगा. जिस घर में जावेद किरदार के तौर पर रहता था उस घर की मकान मालकिन ड्रग्स का धंधा करती थी. क्योंकि ड्रग्स में ज्यादा पैसा है लिहाजा जावेद भी अपनी मकान मालकिन के साथ उसी धंधे में शामिल हो गया.
कुछ दिन उसके साथ काम करने के बाद जावेद ने खुद का धंधा शुरू किया और शादी भी कर ली. लेकिन साल 2002 में जावेद को पुलिस ने ड्रग्स सप्लाई के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया. कई साल तक जावेद जेल में रहा और साल 2006 में जेल से बाहर आया जेल से बाहर आने के बाद जावेद ने दूसरी शादी कर ली और कुछ ही दिनों बाद ड्रग्स सप्लाई करने का काम फिर से शुरू कर दिया. पुलिस से बचने के लिए जावेद कभी पहली पत्नी के घर रुकता था तो कभी दूसरी पत्नी के घर और वो लगातार अपना नाम भी बदलता रहता था.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, साल 2015 में जावेद एक बार फिर गिरफ्तार हुआ. जेल में ही जावेद की मुलाकात बिशन सिंह से हुई और जेल में ही जावेद ने बिशन सिंह का गैंग जॉइन कर लिया. साल 2017 में जावेद पेरोल पर बाहर आया और पेरोल खत्म होने के बाद वो वापस जेल नहीं गया तभी से उसकी तलाश की जा रही थी.
जेल से बाहर रह कर जावेद ड्रग पैडलर बिशन सिंह के संपर्क में आया और फिर से दिल्ली के कई इलाकों में ड्रग्स सप्लाई का काम शुरू कर दिया. पुलिस ने जावेद की गिरफ्तारी के बाद कई मामलों को सुलझाने का दावा किया है.