मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच को तलाश है अपने ही IPS अधिकारी सौरव त्रिपाठी की जो मुंबई पुलिस में DCP पद पर कार्यरत है. सौरव त्रिपाठी को मुंबई के एल.टी. मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज एक वसूली के मामले में फरार आरोपी बताया गया है. इस वसूली मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है और इस केस में 3 पुलिसकर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं.


गिरफ्तार पुलिस कर्मियों ने जोन के डीसीपी सौरव त्रिपाठी को भी भागीदार बताया है. एल.टी. मार्ग पुलिस स्टेशन जोन 2 के अंतर्गत आता है जिसके तत्कालीन DCP सौरव त्रिपाठी थे. यह मामला सामने आने के बाद सौरव त्रिपाठी का तबादला कर दिया गया था. 


क्या है वसूली मामला?


यह मामला अंगाडिया लोगों (हीरा, सोना चांदी का कुरियर काम करने वाले) से जुड़ा है. आरोप है कि एल.टी. मार्ग पुलिस स्टेशन के 3 पुलिस कर्मियों ने आंगडिया को गलत तरीके से हिरासत में रखकर वसूली की. इस मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) द्वारा की जा रही है जिसने तीन पुलिस अधिकारियों- पुलिस इंस्पेक्टर ओम वांगटे, सहायक पुलिस निरीक्षक नितिन कदम और पुलिस उप-निरीक्षक समाधान जामदाडे को गिरफ्तार किया है. ओम वांगते दक्षिण मुंबई के मुंम्बादेवी इलाके में स्थित आंगडिया से कथित रूप से वसूली करते थे.


मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक 10 से ज्यादा आंगडिया का बयान दर्ज किया है. नितिन कदम और समाधान जामदाडे न्यायिक हिरासत में हैं. जबकि 10 मार्च को गिरफ्तार किए गए ओम वांगटे को मंगलवार को फिर से अदालत में पेश किया गया जिसने उनकी पुलिस हिरासत 19 मार्च तक बढ़ा दी.


एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि डीसीपी त्रिपाठी को मुख्य आरोपी वांगटे ने कथित तौर पर पूछताछ में अपना नाम यह कहते हुए बताया कि वह त्रिपाठी के मौखिक निर्देशों पर काम कर रहे थे जिसके बाद डीसीपी त्रिपाठी को आरोपी बनाया गया. सौरव त्रिपाठी ने पिछले साल दिसंबर में अंगाडिया के एक समूह से कथित रूप से पैसे वसूलने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक दिन बाद बीमार छुट्टी की सूचना दी थी.


भ्रष्टाचार के आरोप लगा


वसूली रैकेट का आरोपी सौरभ त्रिपाठी 2010 बैच का IPS अधिकारी है. त्रिपाठी अहमदनगर का SP रह चुका है. अहमदनगर में एसपी रहने के दौरान अन्ना हज़ारे के आंदोलन में बंदोबस्त से लोग IPS सौरव को पहचानने लगे थे. इसके बाद सौरव मुंबई के जोन 4 में DCP के तौर पर आया. जोन 4 से तबादला DCP प्रोटेक्शन एंड सिक्योरिटी के तौर पर किया गया. इसके बाद जोन 2 का DCP बनाया गया जहां उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा है.


क्राइम ब्रांच अब ये पता लगाने में जुट गई है कि आखिर इन आरोपियों ने और कितने लोगों से वसूली की और कितना वसूल किया? इस वसूली में क्या और कोई अधिकारी भी जुड़े हैं? इसकी भी जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. इस केस में तीनों पुलिस वाले गिरफ्तार हुए. अब DCP सौरव त्रिपाठी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.


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