नई दिल्ली: पश्चिमी यूपी का बुलंदशहर अपराध का गढ़ बन गया है. चुनाव से ठीक पहले खुर्जा सीट के आरएलडी उम्मीदवार मनोज कुमार गौतम के भाई और उसके दोस्त की हत्या कर दी गई. बीती रात दोनों की सुनसान खेत में गोली मारकर हत्या कर दी गई. चुनाव से ठीक पहले एक पार्टी उम्मीदवार के भाई की हत्या से पूरे शहर में तनाव बढ़ गया है.
बुलंदशहर का क्राइम ग्राफ पिछले सालों में काफी बढ़ गया है. पिछले साल 29 जुलाई को बुलंदशहर में NH 91 पर एक परिवार के साथ लूटपाट और महिलाओं और बच्चियों के साथ गैंगरेप ने पूरे देश को हिला कर रख दिया गया था. ये वो वारदात हैं जो बुलंदशहर के लिए कंलक बन गए. आंकड़े भी बुलंदशहर में खराब कानून-व्यवस्था की पोल खोलते हैं.
2010 में 3056 केस दर्ज हुए जबकि 2014 में 4775 वारदात पुलिस ने दर्ज किए. सिर्फ ये हाल बुलंदशहर का नहीं है बल्कि पूरे यूपी का है. 2010 में यूपी में 1 लाख 74 केस सामने जबकि अखिलेश के सीएम बनने के दो साल बाद 2014 में अपराध का आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 40 हजार को पार कर गया.
अपराध के इन्हीं आंकड़ों को बीएसपी और बीजेपी ने चुनाव में अखिलेश सरकार के खिलाफ मुद्दा बनाया है. अखिलेश यादव विकास के आधार पर वोट मांग रहे हैं और डायल 100 शुरू करने की बात हर मंच से बता रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था के चुभते सवाल चुनाव में उन्हें जरूर परेशान करेंगे.