नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर सियासी संकट छाया हुआ है. सरकार के 28 में से 22 मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफा सौंप दिया. इस पर राजस्थान के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उम्मीद जताई कि जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा.


सचिन पायलट ने कहा,''मुझे उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में मौजूदा संकट जल्द ही समाप्त हो जाएगा. सभी नेता मतभेदों को हल करने में सक्षम होंगे. चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्य को एक स्थिर सरकार की जरूरत है.''





दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 6 मंत्री और 17 विधायकों के सोमवार को दिल्ली और बेंगलुरु जाने के साथ ही कमलनाथ सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है. इसके बाद सोमवार शाम आननफानन में कैबिनेट मीटिंग बुलाई. इस बैठक के दौरान सभी 20 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया और इसे स्वीकार भी कर लिया गया. ऐसे में कमलनाथ सरकार की स्थिरता संकट में पड़ गई.


वहीं आज कमलनाथ की मौजूदा राजनीतिक हालत को देखते हुए एमपी बीजेपी ने मंगलवार शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है.


वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वे राज्य सरकार को अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने देंगे. कमलनाथ ने कहा, ''सौदेबाजी की राजनीति एमपी के हित के सात कुठाराघात है. मेरे लिए सरकार होने का मतलब सत्ता की भूख नहीं है. मेरा जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है. पंद्रह वर्षों तक बीजेपी ने सत्ता को सेवा का नहीं भोग का साधन बनाए रखा था वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है. सरकार को अस्थिर करने वालों को सफल नहीं होने दूंगा.''