नई दिल्ली: एनडीए के पास मौजूद आंकड़ों को देखते हुए राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद की जीत लगभग तय मानी जा रही थी लेकिन प्रतिद्वंद्वी दलों की क्रॉस वोटिंग ने उनकी जीत के अंतर को बढ़ा दिया.


कोविंद के प्रमुख चुनाव प्रबंधक और बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने दावा किया है कि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के करीब 116 विधायकों ने संभवत: एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया है. राष्ट्रपति चुनाव में 71 वर्षीय कोविंद ने 65.65 प्रतिशत मत हासिल कर विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार पर जीत दर्ज की.


कोविंद को पश्चिम बंगाल में प्रतिद्वंद्वी खेमे के वोट मिले, जहां बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच कड़ा राजनीतिक मुकाबला चल रहा है. कोविंद को राज्य से 11 मत मिले जबकि उसके विधायकों की संख्या महज छह है.


नव निर्वाचित राष्ट्रपति को वाम मोर्चे के शासन वाले त्रिपुरा में सात विधायकों के मत मिले जबकि राज्य में पार्टी या राजग के किसी भी घटक दल का कोई विधायक नहीं है. इस बात की संभावना है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के छह विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया हो.


कांग्रेस के लिए सबसे अधिक चिंताजनक खबर गुजरात से है, जहां साल विधानसभा चुनाव होना है. राज्य में कांग्रेस के 57 विधायक हैं लेकिन मीरा कुमार को राज्य में केवल 49 मत मिले. महाराष्ट्र में एनडीए के 188 वोट हैं लेकिन राज्य में कोविंद को 20 वोट अधिक मिले. इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई है.


क्रॉस वोटिंग को लेकर भूपेंद्र यादव ने मीरा कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस के कई सांसदों और विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर कोविंद को वोट दिया.’’ गौरतलब है पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने अपने प्रचार अभियान के दौरान सांसदों और विधायकों से अंतरात्मा की आवाज पर मतदान की अपील की थी.