I.N.D.I.A News: राज्यसभा की 56 में से 41 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हुआ और बाद में 3 राज्यों की 15 सीटों के लिए मंगलवार (27 फरवरी) को वोटिंग हुई. इनमें भी विपक्षी खेमे के विधायकों की क्रॉस वोटिंग ने I.N.D.I.A गठबंधन की टेंशन बढ़ा दी. उत्तर प्रदेश की 10, कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश की 1 सीट के लिए वोटिंग हो चुकी है.
राज्यसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तकरार के बाद गठबंधन टूटते टूटते बचा था. उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ समझौता हुआ था. लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन में तकरार की वजह से BJP पहले से ही इंडिया पर हमलावर है और अब राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग ने मनमुटाव को और हवा दे दी है.
15 सीटों पर 18 उम्मीदवार मैदान में
उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की कुल 15 सीटों पर 18 कैंडिडेट मैदान में थे. यूपी में समाजवादी पार्टी के 8 विधायकों पर सस्पेंस था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में सपा के 7 विधायकों ने एनडीए के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. यूपी में वोटिंग के दौरान सपा के चीफ व्हिप और विधायक मनोज कुमार पांडे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. फिर खबर आई कि यूपी में सपा के 7 विधायकों ने NDA को वोट दिया है.
किन विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग?
जिन विधायकों ने एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष के पक्ष में मतदान किया है उनके नाम इस प्रकार हैं: राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, मनोज पांडेय, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य. समाजवादी पार्टी के आशुतोष मौर्य और बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर ने भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोटिंग की है. उमाशंकर मायावती की पार्टी के एकमात्र विधायक हैं.
हिमाचल में भी हुई क्रॉस वोटिंग
हिमाचल में एक सीट पर तगड़ी फाइट देखने को मिली. वहां 6 कांग्रेसी विधायकों के क्रॉस वोटिंग की चर्चा थी. फिलहाल किसी तरह की औपचारिक पुष्टि नहीं है. हिमाचल में 10 कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने की भी खबर है. कांग्रेस ने 2022 के चुनाव में 68 में से 40 सीटें जीतीं. पार्टी को 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को हिमाचल में कैंडिडेट बनाया. वहां बीजेपी के पास 25 विधायक थे. बीजेपी ने हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया जो लॉटरी के जरिए विजयी हुए. कर्नाटक की 4 सीटों पर भी राज्यसभा चुनाव हुए. वहां बीजेपी और उसकी क्षेत्रीय सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ आमने-सामने हैं. जेडी(एस) ने 5वें उम्मीदवार कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा और पेंच फंसा दिया.
क्या कहना है अखिलेश यादव और बीजेपी का?
उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारने का उनका निर्णय एक "परीक्षण" था. उन्होंने कहा, "हमारी तीसरी सीट वास्तव में सच्चे साथियों की पहचान करने के लिए एक परीक्षा थी." इस बीच, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग पर कहा कि अखिलेश यादव ने विधायकों को राम मंदिर नहीं जाने दिया था. इसी वजह से उनके विधायक प्रभु श्री राम की जय बोलकर उनके खिलाफ हो गए. हिमाचल में जिस तरीके की तस्वीर और जानकारी सामने आ रही वह तो यही दिखा रही है की कांग्रेस पार्टी में टूट हो गई है. आने वाले दिनों में कांग्रेस में अन्य राज्यों में भी बड़ी टूट होगी.
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