नक्सलियों से दो-दो हाथ करने के लिए सीआरपीएफ की महिला-जवान पूरी तरह से तैयार हैं. जंगलों में नक्सलियों से लड़ने के लिए बनाई गई सीआरपीएफ की कोबरा-बटालियन में अब महिलाओं को कमांडो के तौर पर तैनात करने की तैयारी चल रही है. इस बाबत खुद सीआरपीएफ के डीजी ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में इस बात का ऐलान किया.


गुरूवार को देश के सबसे बड़े केंद्रीय पुलिस बल, सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) की सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए महानिदेशक, डॉक्टर ए पी माहेश्वरी ने बताया कि जल्द ही कोबरा-बटालियन में महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी. डीजी के मुताबिक, सीआरपीएफ की महिला-जवानों ने ही इसके लिए आग्रह किया है. अभी सीआरपीएफ में छह महिला बटालियन हैं.


क्योंकि, जंगल-वॉरफेयर के लिए खासतौर से खड़ी की गई सीआरपीएफ की कोबरा (सीओबीआरए यानि कमांडो बटालियन फॉर रेज़ोलियूट एक्शन) फोर्स में अभी तक पुरूष-कमांडो ही हैं. कोबरा बटालियन को जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ लड़ने में महारत हासिल है. ऐसे में सीआरपीएफ की महिला जवान कमांडो बनकर कोबरा बटालियन में तैनात होना चाहती हैं.


हालांकि, नक्सल-प्रभावित इलाकों में आईईडी ब्लास्ट को सीआरपीएफ के महानिदेशक ने एक बड़ी चुनौती बताया, लेकिन उन्होनें जानकारी दी कि पिछले साल यानि 2020 में एलडब्लई इलाकों में कुल 21 माओवादियों को ढेर किया गया और 569 को गिरफ्तार किया गया. इस अवधि में 340 माओवादियों ने सरेंडर भी किया.


डीजी के मुताबिक, एलडब्लूई यानि लेफ्ट-विंग एक्सट्रीज़म इलाकें हों या फिर आंतकवाद-ग्रस्त कश्मीर घाटी, सीआरपीएफ ने सेना और राज्य-पुलिस के साथ स्थिति को नियंत्रण में किया हुआ है. हालांकि, एबीपी न्यूज के इस सवाल पर कि क्या अब वक्त आ गया है कि जम्मू-कश्मीर से आफ्सपा यानि आर्मड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट को हटा दिया जाए और कानून-व्यवस्था को सीआरपीएफ और राज्य-पुलिस के हाथों में दे देना चाहिए, डॉ. महेश्वरी ने कहा कि आफ्सपा पर तो वे कुछ नहीं बोलना चाहते, लेकिन उन्होनें भरोसा दिलाया कि सीआरपीएफ देश के किसी भी हिस्से में आंतरिक-सुरक्षा की जिम्मेदारी बखूबी निभाने के लिए पूरी तरह सक्षम है.


डीजी ने बताया कि कश्मीर घाटी में पिछले साल यानि वर्ष 2020 में सीआरपीएफ ने सेना और पुलिस के साथ मिलकर अलग-अलग ऑपरेशन्स में 215 आतंकियों को ढेर किया. मारे गए आतंकियों में हिजबुल कमांडर, रियाज नाइकू सहित कई टॉप कमांडर शामिल हैं. इस दौरान 251 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया और 08 आतंकियों ने सरेंडर किया. पिछले साल कश्मीर घाटी में कुल 254 एनकाउंटर या फिर आतंकी हमले हुए.


डीजी के मुताबिक, इस वक्त सीआरपीएफ 62 वीआईपी लोगों की क्लोज-प्रोटेक्शन में तैनात है. इनमें गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष, जेपी नड्डा, कॉन्ग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं. बंगाल में सीआरपीएफ की सुरक्षा-घेरे में वीआईपी गाड़ियों पर पत्थरबाजी को लेकर डीजी ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी आतंरिक-घेरे की है (बाहरी सुरक्षा राज्य-पुलिस के हवाले है).


इसी दौरान गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली सीआरपीएफ की टुकड़ी को संबोधित करते हुए डीजी ने कहा कि सीआरपीएफ के जवान देशवासियों परे ही आश्रित हैं, ऐसे में देशवासी उनसे (किसी भी खतरे से) निपटने के लिए फुल-प्रूफ सुरक्षा चाहते हैं.