पुणे: सीआरपीएफ के एक जवान ने आरोप लगाया है कि पुणे के बारामती तालुका में रविवार को पुलिसकर्मियों ने बगैर उकसावे के उस पर तब 'हमला' किया और 'उसे हथकड़ी' लगा दी जब वह पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद सीआरपीएफ के 40 जवानों के लिए शोकसभा के लिए उन्हें बुलाने गया था.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जवान अशोक इंगवाले द्वारा लगाये गए इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. इंगवाले वर्तमान में छुट्टी पर हैं. अधिकारी ने उलटे आरोप लगाया कि इंगवाले ने पुलिसकर्मियों के साथ झगड़ा किया. घटना पुणे के बागमती ग्रामीण पुलिस थाने की है.
इंगवाले ने दावा किया कि वह जम्मू कश्मीर में तैनात हैं. इंगवाले ने कहा कि वह अपने गांव के एक छोटे मंडल (सामुदायिक समूह) का सदस्य है. आगामी मंगलवार को शिव जयंती कार्यक्रम के दौरान सीआरपीएफ के शहीद कर्मियों के लिए एक शोकसभा का आयोजन करने का निर्णय किया गया था.
उन्होंने कहा, ''रविवार दोपहर, मैं अपने रिश्ते के एक भाई, जो हाल में सेना से रिटयर्ड हुए हैं और एक अन्य व्यक्ति के साथ 19 फरवरी के कार्यक्रम के लिए बारामती थाने के अधिकारियों को आमंत्रित करने के लिए गया.'' उन्होंने कहा, ''कुछ कर्मियों ने हमें रोका और उन्होंने धमकाने वाली भाषा में बात की.''
उन्होंने दावा कि कि उन्होंने अपना पहचान पत्र पुलिसकर्मियों को दिखाया और एक मोटरसाइकिल पर तीन लोगों के सवार होने के चलते जुर्माना भरने की भी पेशकश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उनकी बात नहीं सुनी.
उन्होंने बताया, ''उन्होंने (पुलिसकर्मियों) ने आरोप लगाया कि मैं शराब पीया हुआ हूं. इसके बाद पुलिसकर्मी मुझे एक कमरे में ले गए, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था. वहां 10-15 पुलिस कर्मियों ने मुझे पीटा. मेरी वर्दी फाड़ दी गई और मुझे हथकड़ी लगा दी गई.''
सीआरपीएफ कर्मी ने पुलिसकर्मियों पर अपशब्द कहे जाने का भी आरोप लगाया. हालांकि, इंगवाले ने इस बात से इनकार किया कि वह शराब पीए हुए थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने बारामती थाने में पुलिस की ‘ज्यादती’ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप पाखले ने इंगवाले के आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा कि इंगवाले ट्रिपल राइडिंग कर रहे थे, जब थाने में पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका तो उन्होंने ही धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया. पाखले ने कहा, ''जब उन्हें थाने के अंदर लाया गया तो वह पुलिस कर्मियों से उलझ गए और कुर्सियों को क्षतिग्रस्त कर दिया.'' उन्होंने दावा किया कि इंगवाले यह दिखाने के लिए खुद हिरासत में चले गए कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
पाखले ने कहा कि जब उन्हें एहसास हुआ कि इस हंगामे से उनकी नौकरी जा सकती है तब उन्होंने पुलिसकर्मियों पर उनपर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है जिसमें दिख रहा है कि वह खुद ही अपने कपड़े फाड़ रहे हैं.''
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने इंगवाले से यह भी पूछा है कि जब वह छुट्टी पर थे तो उन्होंने वर्दी क्यों पहनी हुई थी. उन्होंने कहा, ''हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था.'' इस बीच एनसीपी नेता अजित पवार ने घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि यह बीजेपी शासित राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को दिखाती.
उन्होंने जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''यदि इसमें कोई सच्चाई है तो मैं पुलिस कार्रवाई की निंदा करता हूं. हमारी रक्षा करने वाले सैनिकों को यदि इस तरह से पीटा जा रहा है तो यह राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति दिखाता है.''
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