अरुणाचल को दहलाने की साजिश CRPF ने की नाकाम, नामसाई से जिलेटिन की छड़ों के दो बंडल बरामद
सीआरपीएफ ने असम सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले को दहलाने की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया है. CRPF ने जिलेटिन की छड़ों के दो बंडल बरामद किए हैं.
Arunachal Pradesh: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिलें खतरनाक विस्फोटक मिला है. सीआरपीएफ ने जिलेटिन की छड़ों (Gelatin Sticks) के दो बंडल बरामद किए हैं. इन बंडलों को लचीले तारों से बांधा गया था.
नामसाई के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आशंका है कि 3 संदिग्ध के पोदुमोनी और इकोरानी गांव के रास्ते असम में भाग गए हैं. सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
क्या है जिलेटिन छड़ें
जिलेटिन की छड़ें एक खतरनाक विस्फोटक होती हैं जिसे रासायनिक प्रक्रिया के जरिए लैब में तैयार किया जाता है. मशहूर वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने इसका आविष्कार किया था. ये वही अल्फ्रेड नोबेल हैं जिनके नाम पर नोबेल पुरस्कार दिया जाता है.
एक दिन नोबेल लैब में कोलोडियन और नाइट्रोग्लिसरीन को मिलाकर प्रयोग कर रहे थे. इसी दौरान जिलेटिन तैयार हो गया. इसका नाम जिलिग्नाइट रखा गया और 1875 में नोबेल ने इसका पेटेंट करा लिया. यह ठोस था. साथ ही इसकी खासियत थी कि इसका आकार बदला जा सकता था. इसकी छड़े बनाई जाने लगीं. इन्हीं छड़ों को जिलेटिन स्टिक्स या जिलेटिन की छड़ें नाम से जाना जाने लगा.
क्या है जिलेटिन छड़ें
जिलेटिन की छड़ें एक खतरनाक विस्फोटक होती हैं जिसे रासायनिक प्रक्रिया के जरिए लैब में तैयार किया जाता है. मशहूर वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) ने इसका आविष्कार किया था. ये वही अल्फ्रेड नोबेल हैं जिनके नाम पर नोबेल पुरस्कार दिया जाता है.
एक दिन नोबेल लैब में कोलोडियन और नाइट्रोग्लिसरीन को मिलाकर प्रयोग कर रहे थे. इसी दौरान जिलेटिन तैयार हो गया. इसका नाम जिलिग्नाइट रखा गया और 1875 में नोबेल ने इसका पेटेंट करा लिया. यह ठोस था. साथ ही इसकी खासियत थी कि इसका आकार बदला जा सकता था. इसकी छड़े बनाई जाने लगीं. इन्हीं छड़ों को जिलेटिन स्टिक्स या जिलेटिन की छड़ें नाम से जाना जाने लगा.
मुकेश अंबानी के घर के बाहर भी मिली थी जिलेटिन
25 फरवरी, 2021 को दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिणी मुंबई स्थित आवास 'एंटीलिया' के बाहर विस्फोटकों से लदी एसयूवी मिलने से हड़कंप मच गया था. इसमें 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था. यह गाड़ी एक बिजनेसमैन मनसुख हिरेन के नाम से थी. मामला तब और उलझ गया जब इस घटना के 10 दिनों के भीतर ही, 5 मार्च को मार्च को मनसुख हिरन की लाश ठाणे के पास समुद्र की खाई में मिली. इस मामले में मुंबई पुलिस के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था.
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