नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ने एसपीजी से दो बुलेट-प्रुफ गाड़ियों की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक, ऐसी कुल छह आर्मर्ड गाड़ियां सीआरपीएफ ने एसपीजी से देने के लिए कहा है. ये गाड़ियां एसपीजी सोनिया गांधी के साथ साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करती थी. हाल ही में सरकार ने गांधी परिवार की सुरक्षा एसपीजी से घटाकर जेड(+) प्लस कैटेगरी कर दी है.


संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोनिया गांधी अपनी उसी आर्मर्ड गाड़ी में संसद परिसर में पहुंची जो एसपीजी इस्तेमाल करती थी. लेकिन उनके साथ एसपीजी का कोई कमांडो नहीं था. जानकारी के मुताबिक, जिन दो बुलेटप्रुफ गाड़ियों से सोनिया गांधी एसपीजी के सुरक्षा-घेरा में मूवमेंट करती थीं उन्हीं दो गाड़ियों को सीआरपीएफ ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानि एसपीजी से मांग की है.


सूत्रों के मुताबिक, इस तरह से गाड़ियों का इंटर-डिपार्टमेंटल एक्सचेंज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए भी सीआरपीएफ और एसपीजी के बीच हो चुका है. कुछ महीनों पहले मनमोहन सिंह की सुरक्षा भी एसपीजी से घटाकर जेड प्लस (सीआरपीएफ) की गई थी.


सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को सीआरपीएफ जो सुरक्षा दे रही है उसके लिए ही इन छह गाड़ियों की मांग एसपीजी से की गई है. तीनों सीआरपीएफ-प्रोटेक्टीज़ को दो-दो आर्मर्ड गाड़ियां दी जायेंगी.


गौरतलब है कि 8 नवंबर को सरकार ने पूरे गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा घेरा हटा दिया था. 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से ही पूरे गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी. यानि 28 साल बाद गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा हटाई गई है. गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने के बाद अब देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास ही एसपीजी का सुरक्षा घेरा है.


महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी पर कांग्रेस विधायकों की हिदायत, कहा- जल्द फैसला ले आलाकमान


आपको बता दें कि सीआरपीएफ के कमांडोज़ फिलहाल देशभर के 50 से ज्यादा वीवीआईपी व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और उद्योगपति मुकेश अंबानी शामिल हैं. सीआरपीएफ के ये कमांडोज़ इजरायली एक्स-95, एके47 और एमपी5 से लैस रहते हैं. सीआरपीएफ कमांडोज़ का ये सुरक्षा-घेरा देशभर के लिए इन वीवीआईपी व्यक्तियों को दी जाती है.


सीआरपीएफ की वीवीआईपी-सिक्योरिटी यूनिट में अधिकतर वही कमांडो होते हैं जो पहले एसपीजी में रह चुके हों. क्योंकि एसपीजी में भी सीआरपीएफ और दूसरे केन्द्रीय सुरक्षाबलों के जवान ही छह साल की डेप्यूटेशन पर कार्यरत होते हैं. एसपीजी का अपना कोई कैडर नहीं होता है. इसमें भी करीब 30 प्रतिशत जवान सीआरपीएफ के ही होते हैं--बाकी बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी इत्यादि से आते हैं.


SPG हटने के बाद अब CRPF ने संभाला सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की सुरक्षा का जिम्मा