(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वायरल सच: क्या देश में करेंसी संकट के पीछे 2000 की नोटबंदी का प्लान है?
दावा ये कि देश में करेंसी संकट के पीछे 2000 की नोटबंदी का एक प्लान है. वो प्लान जिसका असर देश के कोने-कोने में दिखाई पड़ रहा है.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि देश कैश की किल्लत से इसलिए जूझ रहा है, क्योंकि दो हजार के नोट को बंद करने का प्लान तैयार किया जा रहा है.
देश में करेंसी संकट के पीछे की वजह बताने वाला दावा ये कि देश में करेंसी संकट के पीछे 2000 की नोटबंदी का एक प्लान है. वो प्लान जिसका असर देश के कोने-कोने में दिखाई पड़ रहा है. दावा किया जा रहा है कि सरकार बाजार से 2000 के नोट हटाना चाहती है और धीरे-धीरे हटा रही है इसलिए ही देश में ये करेंसी संकट पैदा हुआ है.
क्या देश में करेंसी संकट के पीछे 2000 की नोटबंदी का प्लान है?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंकड़े पेश करते हुए दावा किया है कि नोट तो पूरे हैं, लेकिन दो हजार के नोट गायब हैं. उन्होंने करेंसी संकट को साजिश करार दिया है. वहीं, बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा है, ‘’मेरे हिसाब से 500 और 200 के छोटे नोट हों. सरकार के इस कदम का स्वागत है कि दो हजार के नोट कम प्रचलन में आएं. आपको भी पता है कि दो हजार के नोट कौन इस्तेमाल करता है.’’
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 19 शहरों में पहुंची करेंसी सप्लाई के आंकड़े में चौंकाने वाली बात सामने आई. देश के 19 शहरों में जहां रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है वहां नोटबंदी के बाद चार महीनों में जितनी करेंसी सप्लाई की गई उससे बेहद कम करेंसी अगले एक साल में सप्लाई हुई.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम वीके मिश्र ने भी कहा है कि दो हजार का नोट उनके बैंक तक नहीं पहुंच रहा. हम लोगों के पास दो हजार के नोट का सप्लाई नहीं है. छोटे नोट एटीएम में डाल रहे हैं तो एटीएम जल्दी खाली हो जाते हैं.
दो हजार रुपए के नोट बाजार में मौजूद हैं तो वो जा कहां रहे हैं?
देश के वित्तीय मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि बाजार में दो हजार के जितने नोट होने चाहिए उतने मौजूद हैं, इसलिए वो आगे बड़े नोट की सप्लाई नहीं कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये था कि अगर दो हजार रुपए के पर्याप्त नोट बाजार में मौजूद हैं तो वो जा कहां रहे हैं?
चुनाव की वजह से नोटों की जमाखोरी तो नहीं हो रही?
वित्तीय मामलों के सचिव से सवाल हुआ कि कहीं चुनाव की वजह से नोटों की जमाखोरी तो नहीं हो रही? इसके जवाब में उन्होंने बताया, ‘’चुनाव केवल कर्नाटक में है लेकिन बाकी के दो-तीन राज्यों में भी ये समस्या देखी गई है. हो सकता है चुनाव में कई बार कैश की मांग ज्यादा होती है, लेकिन अन्य राज्यों में भी कैश की समस्या देखी गई है तो ये मैं नहीं कह सकता कि एक राज्य में चुनाव की वजह से ये समस्या है. अगर ऐसा होता तो बाकी राज्यों में कैश की समस्या नहीं होती.’’ उन्होंने कहा कि मुमकिन है कि लोगों ने अपने पास दो हजार के नोट रख लिए हैं.
दो हजार के नोट बंद होने का कोई प्लान नहीं- वित्तीय मामलों के सचिव
देश के वित्तीय मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के मुताबिक दो हजार के नोट बंद होने का कोई प्लान सरकार ने नहीं बनाया है. दो हजार के नोट की सप्लाई फिलहाल इसलिए रोकी गई है, क्योंकि बाजार में पहले से ही दो हजार के काफी नोट मौजूद हैं. इसलिए हमारी पड़ताल में देश में करेंसी संकट के पीछे दो हजार की नोटबंदी का दावा झूठा साबित हुआ है.