भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल भ्रष्टाचार की सबसे अधिक शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ की गईं.  इसके बाद दिल्ली के स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ शिकायतें मिलीं. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में सभी श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 74,203 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 66,373 का निपटारा कर दिया गया और 7,830 शिकायतें लंबित हैं.


हाल में सार्वजनिक की गई सीवीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक 10,447 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ की गईं. इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी के स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के खिलाफ 7,665 शिकायतें मिलीं. स्थानीय निकायों में दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विभाग निगम, दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, इंद्रपस्थ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, दिल्ली नगर निगम और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद शामिल हैं.


रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिली कुल शिकायतों में से 9,881 का निपटारा कर दिया गया और 566 लंबित हैं. दिल्ली में स्थानीय निकायों के खिलाफ शिकायतों की जानकारियां देते हुए इसमें कहा गया है कि कुल शिकायतों में से 7,278 का निपटारा कर दिया गया और 387 शिकायतें लंबित हैं.


पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 7,004 शिकायतें मिलीं. इनमें से 6,667 का निस्तारण कर दिया गया और 337 लंबित हैं. दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 6,638 शिकायतों में से 6,246 का निपटारा हो गया. दिल्ली पुलिस के कर्मियों के खिलाफ की गई 5,313 शिकायतों में से 3,325 का निस्तारण कर दिया गया, जबकि आवासीय एवं शहरी मामलों के कर्मचारियों के खिलाफ 4,476 शिकायतों में से 3,723 का निस्तारण कर दिया गया.


रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 4,420, श्रम मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 3,217, पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 2,749 तथा गृह मंत्रालय (दिल्ली पुलिस को छोड़कर) के कर्मचारियों के खिलाफ 2,309 शिकायतें मिलीं.


इसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 1,861 शिकायतें, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के कर्मचारियों के खिलाफ 1,828 शिकायतें, दूरसंचार कर्मचारियों के खिलाफ 1,457 शिकायतें और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के कर्मचारियों के खिलाफ 1,205 शिकायतें प्राप्त हुईं.


रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के खिलाफ 960, ऊर्जा मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 930, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण कर्मचारियों के खिलाफ 929 और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 889 शिकायतें थीं.


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