नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व बदले जाने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पद से हटने का निर्णय कर लिया है. एबीपी न्यूज को पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया है कि सोनिया गांधी ने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को कह दिया है कि वो अब अपने पद पर बने नहीं रहना चाहतीं और पार्टी नया अध्यक्ष चुन ले. वहीं, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहले ही कह चुके हैं कि इस बार कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का हो.


पार्टी नेताओं ने फुल टाईम अध्यक्ष चुनने की मांग की


गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने ये बात तब कही है जब पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें चिट्ठी लिखकर एक फुल टाईम अध्यक्ष चुनने की मांग की है. इन नेताओं ने सोनिया गांधी से मांग की है कि पार्टी कि हालत ठीक नहीं है, ऐसे में एक फुल टाईम अध्यक्ष कि नियुक्ति होनी चाहिए और अगर राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते तो किसी गैर-गांधी को अध्यक्ष बनाना चाहिए. ऐसा होता भी है तो भी गांधी परिवार कि अहम भूमिका बनी रहेगी.


कार्यसमिति कि बैठक में हो सकता है हंगामा


ऐसे मे अब आज होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति कि बैठक बहुत अहम हो जाती है. संभव है कि सोनिया गांधी कार्यसमिति की बैठक में भी ये बात कह दे और अगर ऐसा होता है तो हंगामा होना तय है. 10 सितंबर को सोनिया गांधी का अंतरिम अध्यक्ष के रूप मे एक साल पूरा हुआ है. वहीं पार्टी की नीति बनाने की सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति की आज एक अहम बैठक होने वाली है. बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जरिये होगी जो सुबह 11 बजे शुरु होगी. बैठक में कांग्रेस शासित सभी राज्यों के सीएम भी हिस्सा लेंगे.


सोनिया को लिखी गई चिट्ठी को लेकर अंदरूनी राजनीति तेज 


गौरतलब है कि बैठक से पहले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की पार्टी अध्यक्ष सोनिया को लिखी गई चिट्ठी को लेकर पार्टी की अंदरूनी राजनीति तेज हो गई है. इस चिट्ठी में नेताओं ने पार्टी में सक्रिय नेतृत्व और कांग्रेस कार्यसमिति का चुनाव करवाने की मांग की है. चर्चा है कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली, मनीष तिवारी, शशि थरूर जैसे यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके नेताओं यह चिट्ठी सोनिया गांधी करीब दो हफ्ते पहले लिखी थी. वरिष्ठ नेताओं के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी इस चिट्ठी पर दस्तखत किए हैं. हालांकि इस चिट्ठी को लेकर सबने चुप्पी साधी हुई है और कांग्रेस ऐसी किसी चिट्ठी से इंकार कर रही है. इस बारे में जब मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली से एबीपी न्यूज ने संपर्क किया तो उन्होंने इसे पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.


महत्वपूर्ण बात यह है कि मोइली ने चिट्ठी की बात से इनकार नहीं किया. वहीं कुछ अन्य नेताओं ने नाम ना लिखे जाने की शर्त पर कहा, "शिकायत इस बात की भी है कि सोनिया गांधी से समय मांगने पर कहा जाता है कि उनकी तबियत ठीक नहीं है. कोरोना के कारण वैसे भी वह नहीं मिल सकती. राहुल गांधी कहते हैं वह अध्यक्ष नहीं हैं. ऐसे मे पार्टी नेता करें तो क्या करें?"


पार्टी के कई नेताओं की मांग-  राहुल गांधी फिर बनें अध्यक्ष


सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में मांग की है कि पार्टी में सक्रिय नेतृत्व हो. कांग्रेस वर्किंग कमिटी के चुनाव करवाने और पार्टी संसदीय बोर्ड गठित करने की मांग भी की गई है. साथ ही इस बात पर चिंता जताई गई है कि युवा वोटर कांग्रेस के मुकाबले नरेंद्र मोदी के प्रति आकर्षित हैं. सूत्रों ने बताया कि चिट्ठी में परोक्ष रूप से गांधी परिवार के बाहर के किसी नेता को पार्टी की कमान देने की मांग की गई है. सूत्रों के मानें तो चिट्ठी में कहा गया है "नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस नेतृत्व का अभिन्न अंग हमेशा रहेगा". जिसका मतलब है कि नया अध्यक्ष 'परिवार' के बाहर का हो. जबकि दूसरी तरफ कई कांग्रेस नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी दोबारा पार्टी की कमान संभाले.


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