Bengaluru Cyber Crime: कर्नाटक के बेंगलुरु में एक महिला अंडे खरीदने को लेकर साइबर अपराधियों की धोखाधड़ी का शिकार हो गई. उसे बहुत कम दाम में अंडे खरीदने का ऑफर एक ईमेल के जरिए मिला था.
मात्र 49 रुपये में चार दर्जन अंडे खरीदने के ऑफर पर महिला ने अपने क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट किया तो 48 हजार रुपये से ज्यादा के भुगतान का मैसेज उसे मिला. मामले में पुलिस छानबीन कर रही है.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु की वसंतनगर निवासी 38 वर्षीय महिला ने हाई ग्राउंड्स पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस में दर्ज शिकायत में महिला ने बताया है कि उसे 17 फरवरी को एक ईमेल विज्ञापन मिला था, जिसमें दावा किया गया था कि एक मशहूर कंपनी बेहद कम दाम में अंडे बेच रही है.
99 रुपये में आठ दर्जन अंडे का भी था ऑफर
महिला ने बताया कि विज्ञापन में एक शॉपिंग लिंक दिया गया था. उस पर क्लिक करने पर एक पेज खुला, जिसमें मुर्गियों और अंडों को एकत्र करने और डिलीवर करने संबंधी जानकारी थी. नीचे स्क्रॉल करने पर कई ऑफर दिखे, जिनमें बिना किसी डिलीवरी चार्ज के 99 रुपये में आठ दर्जन अंडे देने का दावा भी किया गया था.
महिला ने पुलिस शिकायत में क्या कुछ बताया?
महिला ने बताया, ''मैंने 49 रुपये में चार दर्जन अंडे खरीदने का फैसला किया. जब मैं ऑर्डर देने के लिए आगे बढ़ी तो कॉन्टेक्ट इन्फॉर्मेशन पेज खुल गया. मैंने डिटेल डाली और ऑर्डर देने के लिए उस पर क्लिक किया. अगला पेज खुला, जिसमें केवल क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प था.''
महिला ने बताया, ''मैंने एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर सहित अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल दर्ज की और भुगतान के लिए क्लिक किया तो मुझे अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त हुआ. ओटीपी दर्ज करने से पहले मेरे क्रेडिट कार्ड अकाउंट से कुल 48,199 रुपये डेबिट हो गए और 'शाइन मोबाइल एचयू' नाम के खाते में ट्रांसफर हो गए.''
बैंक से आई थी क्रॉस-वेरिफिकेशन कॉल
महिला ने बताया कि जल्द ही उसके बैंक क्रेडिट कार्ड सेक्शन से यह पुष्टि करने के लिए कॉल आई कि क्या उसने भुगतान कर दिया है. महिला ने बताया, ''मैंने उन्हें धोखाधड़ी के बारे में बताया और उन्होंने मेरा खाता ब्लॉक कर दिया. मैंने साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) पर कॉल किया. उन्होंने मुझे पास के थाने में शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया.''
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर महिला को क्रॉस-वेरिफिकेशन के लिए बैंक से कॉल नहीं मिली होती तो बदमाश और रुपये उड़ा सकते थे. आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जा रही है. जालसाजों के खाते से रुपये जब्त करने के उपाय किए गए हैं.
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