कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज आपके बैंक अकाउंट को साफ कर सकती है. महज एक कोड और आपके अकाउंट में मौजूद आपकी गाढ़ी कमाई खत्म... जी हां, महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि लापरवाही करते हुए अगर आपने अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं, तो उन सर्टिफिकेट से जानकारी इकट्ठा कर साइबर क्रिमिनल्स बूस्टर डोज देने के नाम पर आपको महज एक ओटीपी से आपको ठग लेंगे.


कुछ इस तरह झांसे में आ रहे हैं लोग 
महाराष्ट्र साइबर सेल ने बताया कि, इन दिनों साइबर क्रिमिनल्स ने ठगी का एक यूनिक तरीका अपनाया है. जिसमें वो सोशल मीडिया से आपके अपलोड किए गए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को उठाते हैं और फिर उससे आपका मोबाइल नंबर निकालकर आपको काल करते हैं. आपको भरोसे में लेने के लिए वो आपको आपकी पहली वैक्सीनेशन डोज कब लगी, दूसरी डोज कब लगी ये सारी जानकारी साझा करते हैं और फिर आपसे कहते हैं कि बीएमसी के रिकॉर्ड के अनुसार अब आप बूस्टर डोज लेने के लिए पूरी तरह योग्य हैं, जिसके रजिस्ट्रेशन के लिए आपको एक ओटीपी जनरेटर किया जा रहा है.


साइबर क्रिमिनल्स ठगी का बूस्टर डोज वाला आपको एक मैसेज भेजेंगे और जैसी ही आपने बूस्टर डोज रजिस्ट्रेशन के लिए वो मैसेज या लिंक खोला और उस ओटीपी को साइबर क्रिमिनल्स को बताया उसी वक्त वैरिफिकेशन पूरा करते हुए साइबर क्रिमनल आपके अकाउंट में ऐक्सेस कर जाएगा और फिर अगले कुछ मिनटों में अकाउंट खाली. 


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वैक्सीन सर्टिफिकेट में जानकारी और मोबाइल नंबर
साइबर सेल के मुताबिक साइबर अपराधियों का ये तरीका इसलिए कारगर साबित हो रहा है, क्योंकि लोग अपनी निजी जानकारियों को लेकर लापरवाही बरतते हैं. कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद कई लोगों ने खुश होकर अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की हैं. जिसमें मोबाइल नंबर भी शामिल होता है. साथ ही वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी होती है. जिसका फायदा साइबर क्रिमिनल उठा रहे हैं. पुलिस ने सभी लोगों से अपील की है कि बूस्टर डोज को लेकर ऐसी किसी भी कॉल से सावधान रहें. 


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