मुंबईः नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी द्वारा दायर की गई चार्जशीट में एजेंसी एक सायबर एक्सपर्ट ने अपने जबाब में बताया है की पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एंटीलिया कांड की जांच को गुमराह करने के लिए जैश उल हिन्द नाम के आतंकी संगठना से जुडी रिपोर्ट में छेड़छाड़ करवाई थी जिसके लिए परमबीर ने उस सायबर एक्सपर्ट को 5 लाख रूपये कैश दिए थे.  


सायबर एक्सपर्ट ने जो एनआईए को अपना स्टेटमेंट दिया था उसे भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया गया है जिसमे सायबर एक्सपर्ट ने बताया की उसे कहा गया था की वो अपनी रिपोर्ट में यह बात बताये की एंटीलिया कांड के बाद जैश उल हिन्द ने जिम्मेदारी लेने के लिए उसी टेलीग्राम चैनल का इस्तेमाल किया था जिस चैनल का इस्तेमाल दिल्ली में इसराइल एम्बसी के सामने हुए धमाके के बाद हुआ था.  


जांच एजेंसियों को शुरुआत से ही एंटीलिया कांड के बाद सामने आये जैश उल हिन्द के षड्यंत्र में परमबीर सिंह के सहभागी होने का शक है. हालांकि एनआईए ने अपनी चार्जशीट में परमबीर सिंह के रोल के बारे में कुछ  भी नहीं लिखा है, पर सायबर एक्सपर्ट ने अपने स्टेटमेंट में परमबीर का नाम लिया है और कहा है की परमबीर के कहे मुताबिक ही इसमें अपनी रिपोर्ट में कुछ बदलाव किये थे.


एक्सपर्ट के मुताबिक उसने उसी रिपोर्ट में बदलाव की थी जो उसने जनवरी 2021 में दिल्ली स्थित इसराइल एम्बेसी के सामने हुए बम धमाके के बाद बनाई थी, उस समय भी इसी तरह टेलीग्राम पर जैश उल हिन्द नाम के आतंकी संगठन ने यह जिम्मेदारी ली थी और उसी के बाद सायबर एक्सपर्ट ने यह रिपोर्ट बनाई थी.


एनआईए ने उस सायबर एक्सपर्ट का बयान 5 अगस्त को दर्ज किया था जिसमे उसने कहा था की, वो भारत भर में कई आईपीएस को सायबर से जुडी ट्रेनिंग देता है इसके अलावा कई इंटेलिजेंस एजेंसी के साथ काम भी करता है, 9 मार्च 2021 को मैं मुंबई पुलिस कमिश्नर के कार्यालय गया था कुछ ट्रेनिंग से जुडी बातचीत करने के लिए.


उस मीटिंग के दौरान मैंने परम बीर सिंह, आईपीएस, तत्कालीन सीपी मुंबई को बताया की टेलीग्राम चैनल "जैश-उल-हिंद" जिस पर 27 फरवरी को एंटीला कांड की जिम्मेदारी का दावा करते हुए एक पोस्ट दिखाई दिया था, उसे स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस द्वारा हल किया गया है और जिस मोबाइल नंबर से टेलीग्राम चैनल से जुड़ा है वो तिहाड़ जेल के परिसर के भीतर से इस्तेमाल किया गया था. मैंने सीपी सर को बताया कि एक दिल्ली स्थित इजराइल एम्बेसी के पास हुए धमाके के बाद साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में मैं भी इसी तरह के नाम से एक टेलीग्राम चैनल को फॉलो कर रहा था इसके बाद परमबीर ने मुझसे पूछा की क्या मैं इस तरह  की रिपोर्ट लिखित में दे सकता हूं. मैंने कहा कि यह गोपनीय है और इसे दिल्ली स्पेशल सेल द्वारा बनाया गया है और इसलिए मेरी ओर से इस संबंध में लिखित में कोई रिपोर्ट देना उचित नहीं होगा. लेकिन सीपी सर ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मामला है और मुझे ऐसी रिपोर्ट देनी चाहिए और वो इस सम्बन्ध में आईजी एनआईए से भी बात करने वाले थे.


परमबीर के आग्रह के बाद मैंने मेरे लैपटॉप में वो रिपोर्ट बनाई जो की महज एक पैराग्राफ की रिपोर्ट थी जिसे मैंने परमबीर को दिखाया, जिसे पढ़ने के बाद उन्होंने मुझसे एंटीलिया कांड की जिम्मेदारी लेने वाला जैश उल हिन्द का पोस्टर भी उस पेज में ऐड करने को कहा, और आगे कहा की एनआईए के आईजी कभी भी आते ही होंगे और उन्हें ये रिपोर्ट उनको दिखाना है जिसके बाद मैंने मेरी रिपोर्ट में बदलाव किये और उस पोस्टर को रिपोर्ट में ऐड कर परमबीर के ऑफिशियल मेल पर भेज दिया.  


मुझे 5 लाख कैश दिए


परमबीर सिंह ने मुझसे कहा की मैंने बहुत बढ़िया काम किया है इसके लिए वो मुझे पैसे देना चाहते हैं और मुझसे पूछा की मैं कितने रूपये लेंगे. जिसपर मैंने कहा मैं कुछ भी एस्पेक्ट नहीं करता पर परमबीर सिंह ने बहुत मनाया और कहा की मैं डिसर्व करता हूं. जिसके बाद उन्होंने अपने पर्सनल असिस्टेंट को बुलाया और मुझे 3 लाख रूपये देने को कहा, जैसे ही उनका पर्सनल असिस्टेंट वहां से बाहर जा रहा था वैसे ही परमबीर ने उसे फिर से बुलाया और मुझे 5 लाख रूपये देने को कहा , मैंने वापस उन्हें कहा की इतना पैसे बहुत ज्यादा है इसकी जरुरत नहीं है पर उन्होंने मुझे 5 लाख कैश दिए.


एक्सपर्ट ने किसी और मामले में जैश उल हिन्द का पता लगाया था


जब एनआईए ने सायबर एक्सपर्ट से सवाल पूछा की जिस चैनल की आपने अपने रिपोर्ट में बात की उसकी जानकारी के मुताबिक आप उस चैनल पर 26 फरवरी से थे तो ये कैसे मुमकिन है की जिस टेलीग्राम के चैनल पर मैसेज 27 फरवरी को आता है और आप एक दिन पहले से उसपर जानकारी इकठ्ठा करते हैं. जिसपर सायबर एक्सपर्ट ने बताया की वो जिस टेलीग्राम के जैश उल हिन्द को फॉलो कर रहा था उसमे सिर्फ 4 मेंबर थे और वो चैनल और एंटीलिया कांड के बाद जिम्मेदारी लेने वाला चैनल एक नहीं है दोनों अलग है.


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