Cyber Fraud Case: हाल ही में सीबीआई ने आपरेशन चक्र पार्ट 2 के तहत साइबर ठगी के 43 आरोपियों को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार (27 जुलाई) को सुनवाई की. कोर्ट ने तीन आरोपियों को 4 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. इसके अलावा अन्य 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया है. आरोपियों ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए जमानत पर रिहा करने की मांग की थी. जिस पर आज (27 जुलाई) कोर्ट ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की.

  


ये सभी आरोपी गुरुग्राम में बैठकर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर ठगी करते थे. इस मामले में सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट से 43 आरोपियों में से 3 की 7 दिनों की सीबीआई कस्टडी की मांग की. जबकि 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत मे भेजे जाने की मांग की.


इस दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि ये बहुत गंभीर मामला है. जिसका देश-विदेश में प्रभाव है. हमें आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. लेकिन अभी मास्टरमाइंड का पता नहीं चला है. फिलहाल, हमने तीन लोगों की पहचान की है, जिनसे पूछताछ के जरिए इस पूरे अपराध की साजिश की तह तक पहुंचा जा सकता है. इस मामले में और बरामदगी की जा सकती है.


विदेशी नागरिकों से बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद- CBI


इस मामले में सीबीआई की ओर से कहा गया कि हमारे पास विदेशी नागरिकों से बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद है. इस बातचीत में इनके अपराध के अंजाम के तरीके के बारे में बात की गई है, जिसमें हमें 15 मिलियन US डॉलर के लेन देन का शक है. ऐसे में इस बारे में और तहकीकात करने के लिए कस्टडी ज़रूरी है.


साइबर ठगी के मामले में आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील ने पुराने फैसलों के हवाला देते हुए कहा कि चूंकि इस केस में 24 घंटे की समय सीमा में आरोपियों को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, इस लिहाज से गिरफ्तारी और रिमांड रद्द होनी चाहिए.


क्या है पूरा मामला?


सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-2 के तहत जिन 43 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, उन पर आरोप है कि वे सभी गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाते हुए यहीं से विदेशी नागरिकों से ठगी करते थे. सीबीआई ने इस सिंडिकेट के खिलाफ साल 2022 से देश में चल रहे साइबर फाइनेंशिनेंयल क्राइम नेटवर्क को तोड़ने के मकसद से ऑपरेशन चक्र शुरू किया था. सीबीआई ने 22 जुलाई 2024 में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच के दौरान सीबीआई ने दिल्ली और साइबर सिटी गुरुग्राम में 7 लोकेशन पर रेड की थी.  


रेड के दौरान सीबीआई को पता चला कि गुरुग्राम स्थित कॉल सेंटर से यह साइबर फ्रॉड किया जा रहा है. आरोपी लोगों के कंप्यूटर पर पॉप अप मैसेज भेजकर संदिग्ध सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहते थे. इसके बाद वह उनके सिस्टम को रिस्टोर करने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाते थे. इसी मामले में सीबीआई ने ताबड़तोड़ 43 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था.


ये भी पढ़ें: Niti Aayog meeting: नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए नीतीश कुमार, जानें क्या है वजह?