मुंबई: क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों में सायबर फ्रॉडस्टर्स आपको कंगाल बना सकते हैं. मुंबई पुलिस की सायबर सेल की डीसीपी रश्मि करंदीकर ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि इस क्रिसमस में सायबर फ्रॉड आपको निशाना बना सकते हैं और इसके लिए आपको बहुत ही सतर्क रहने की ज़रूरत है.
सायबर सेल की मानें तो फ्रॉडस्टर्स आपको सांता क्लॉज बनकर गिफ्ट भेजने के नाम से ठग सकते हैं. करंदीकर ने बताया कि सायबर फ्रॉड आपको ये कहकर फ़साएंगे कि वो विदेश में हैं और आपको क्रिसमस के मौके पर बहुमूल्य गिफ्ट भेज रहे हैं. फिर उनका दूसरा साथी आपको फ़ोन कर कहेगा कि आपका गिफ्ट एयरपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी न भरने की वजह से फंस गया है और इसके लिए आपको पैसे भरने होंगे. जैसे ही आप पैसे भरना शुरू कर देंगे, वैसे-वैसे वो लोग और बहाने बनाकर आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देंगे.
गिफ्ट भेजने के नाम पर तो कभी क्यूआर कोड भेजकर तो कभी गिफ्ट कार्ड मिलने के लिए आपसे आपकी बैंक से संबंधित गोपनीय जानकारी मांग लेंगे और अगर आप इनमें से किसी के भी झांसे में आये तो आपके अकाउंट को कब खाली कर लिया जाएगा आपको पता तक नहीं चलेगा.
लंबी छुट्टियों में बैंक भी बंद होते हैं. ऐसे में पुलिस को बैंकों से फ्रॉड संबंधी जानकारियां मिलना संभव नहीं हो पाता, जिस बात का फायदा इन अपराधियों को होता है. बता दें कि 2018 में इसी तरह क्रिसमस की छुट्टियों में सायबर क्रिमिनल्स ने 1.8 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था. 2019 में लंबी छुट्टियों के दौरान 3 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी और इस साल यानी 2020 में लंबी छुट्टियों के दौरान 2 करोड़ की ठगी भी रिपोर्ट हो चुकी है.
सायबर सेल की मानें तो उन्होंने आरबीआई से निवेदन कर पुलिस को जांच में उनका सहयोग मिले इसके लिए 24 घंटे की एक्सक्लूसिव फ़ोन लाइन की मांग कर रहे हैं. ताकि सायबर क्रिमिनल्स के हर उठाये कदम पर 24 घंटों के भीतर कार्रवाई की जा सके और लोगों के ठगे पैसे बचाये जा सकें.
मुंबई पुलिस की मानें तो मुंबई में इस साल नवंबर तक सायबर क्राइम के कुल 2225 मामले दर्ज हुए हैं जिनमे से लॉकडाउन के दौरान 917 मामले सामने आए हैं. पुलिस ने अब तक सिर्फ 284 मामलों को ही डिटेक्ट किया है. सायबर फ्रॉड में ई-मेल फिशिंग, स्पूफिंग, नाइजीरियन फ्रॉड, हैकिंग, ऑब्सिन ईमेल/ एसएमएस/एमएमएस, मॉर्फिंग, फेक सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल जैसे मामलों का समावेश है.
पुलिस की मानें तो विशिंग फ्रॉड एक ऐसी कैटेगरी है जिसमें क्रिमिनल्स, लोगों से उनके क्रेडिट/डेबिट कार्ड, बैंकिंग डिटेल्स, यूपीआई आईडी, ओटीपी जैसी जानकारी हासिल कर बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं.
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