साईबर हैकर्स के निशाने पर कोरोना वैक्सीन बनाने वाली बड़ी कंपनियां, फार्मूले को करोड़ों रुपये में बेचने का कर रहे प्रयास
महाराषट्र साईबर खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर हैकर्स के निशाने पर बड़ी कंपनियां है. हैकर्स फार्मूले को चुरा कर करोड़ों रुपये में उसे बेचना चाहते है.
महाराष्ट्र: साईबर ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर साईबर हैकर्स के निशाने पर बड़ी कंपनियां है. हैकर्स उनके फार्मूला चुराने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उनके फार्मूले को बेचकर वो करोड़ो रुपये कमा सके.
कोविड-19 से निजात पाने के लिए जिस तरह से वैक्सीन कंपनियां जैसे फ़ाइजर, स्पुतनिक, बायो एन टेक दिन रात मेहनत कर उसे बाजार में लाने की तैयारी कर रही है वैसे ही अब इन्हें चुराने की कोशिश भी तेज होती जा रही है. महाराष्ट्र पुलिस की माने तो नॉर्थ कोरिया और चीन मैं बैठे हैकर्स वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां, दवाई फैक्ट्री, वैक्सीन लैब और लॉजिस्टिक कंपनियों को खास तौर पर निशाना बना रहे हैं. वहीं कुछ साईबर फ्रॉडटर्स डार्क नेट पर वैक्सिंग को बेचने के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी भी कर रहे हैं.
महाराष्ट्र साईबर के आईजी यशस्वी यादव ने बताया की हाल ही में फाइजर और बायो एन टेक कंपनी ने अपनी वैक्सीन को नियामक मंजूरी के जरूरी दस्तावेज यूरोपियन मेडिकल एजेंसी को दिए थे. जिन्हें साईबर हमले के जरिए चुराने की कोशिश की गई थी. कॉपीराइट पेटेंट इंफॉर्मेशन को चुरा कर दूसरी कंपनियों और वैज्ञानिकों को महंगे दामों में बेचने की साजिश की जा रही है जिससे वो भी नकली वैक्सीन तैयार कर सके. इन हैकर्स में नार्थ कोरिया के लसारस ग्रुप, चीन का स्टोन पांडा का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है.
आपको बता दें कि बीते तीन महीनों में भारत में ही स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं व कंपनियों पर साईबर हैकर्स ने लगभग 80 लाख से ज्यादा बार हमले किये है. इन हमलों के लिए नेट वॉकर, पोनीफाइनल और मेज जैसे कंप्यूटर वायरस का इस्तेमाल किया गया. सूत्रों की माने तो ये हैकर्स लगातार अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, और भारत की उन कंपनियों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो की कोरोना की वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं. जिनमे भारत की सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बॉयोटेक जैसी कंपनियां शामिल है.
इसके अलावा साईबर क्रिमिनल्स ने कई ऐसी वेबसाइट्स बनाई है जो कि वैक्सीन को जल्दी मुहैया कराने का वादा कर रहे हैं. साथ ही इक्षुक लोगों से पेमेंट डार्कनेट पर बिटकॉइन के रूप में मांगा जा रहा है. डार्कनेट पर ब्लॉक चैन होने की वजह से ऐसी कंपनियों को ढूंढना बेहद मुश्किल होता है.
महाराष्ट्र पुलिस विभाग के साईबर आईजी यशस्वी यादव में लोगों से अनुरोध किया है कि जब भी वैक्सीन भारत मे आये तब सरकार के मान्य वैक्सीन संस्थानों से ही वैक्सीन लें और किसी भी वैबसाइट के चक्कर में ना फसें.
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