अश्लील वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर करोड़ों कमाने वाले गिरोह का पर्दाफाश साइबर पुलिस ने 3 YouTubers को किया गिरफ्तार
पुलिस को अबतक ऐसे 17 यूट्यूब चैनल के बारे में जानकारी मिली है जिसपर इनलोगों ने 300 से ज्यादा वीडियोस अपलोड किए हैं. पुलिस ने इस तरह के अश्लील चैनलो को भी बंद करने के लिए यूट्यूब को लिखा है और मामले की जांच कर रही है.
मुंबई: क्राइम ब्रांच की सायबर पुलिस ने यूट्यूब चलाने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी प्रैंक के नाम पर अश्लील वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करते थे और सोशल मीडिया के जरिये करोड़ो रूपये कमाते थे. गिरफ्तार आरोपियों के नाम मुकेश गुप्ता (ठाणे में क्लासेस चलाता है), जितेंद्र गुप्ता ( बीएचएमएस कर रहा है सेकंड ईयर में है) और नटखट उर्फ प्रिंस कुमार (बीएमएम के सेकंड ईयर में है) हैं. क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस मिलिंद भराम्बे ने बताया कि ये लोग प्रैंक के नाम पर अश्लील वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करते थे जिससे इन लोगों ने लाखों रुपये भी कमाए हैं.
लॉकडाउन में करोड़ो की कमाई
एक तरफ लॉकडाउन की वजह से लोगों का धंधा मंदा हो गया था जिसके चलते कइयों की नौकरी चली गई थी. तब के दौर में इन आरोपियों ने इन अश्लील वीडियो को यूट्यूब चैनल पर अपलोड करना शुरू कर दिया और लॉकडाउन के काल में इन लोगों ने लगभग 2 करोड रुपए कमाए हैं.
मिलिंद भरा में ने बताया कि अब तक की जांच में दो करोड़ सामने आया है लेकिन यह आंकड़ा आगे चलकर और भी बढ़ सकता है. पुलिस को जांच में अभी पता चला कि इनके एक वीडियो के पीछे 2000 से ₹3000 तक खर्च होते थे और उस एक वीडियो के माध्यम से यह लोग करीब 50 हजार तक कमा लेते थे.
कैसे बुलाते थे लड़कियों को
यह गिरोह लड़कियों को एक्टिंग के नाम पर बुलाते थे और उन्हें एक्टिंग के लिए 500 से 1500 रुपये देते थे. इसके बाद ये लोग अश्लील वीडियो बनाने के लिए पब्लिक प्लेस जैसे कि बैंड स्टैंड, रॉक गार्डन, कार्टर रोड, और कई दूसरे बीएमसी के मैदानो में लेकर जाते थे.
जहां पर यह वीडियो शूट किया जाता था और फिर उसे यूट्यूब पर अपलोड कर देते थे. जांच में पता चला कि इन वीडियो पर इन्हें लाखो व्यूज मिलते थे जिससे इन लोग करोड़ो रुपये कमाए हैं गिरफ्तार आरोपियों में से एक मुकेश गुप्ता ठाणे जिला में क्लासेस चलाता है. वह 2008 में 10वीं क्लास में ठाणे जिला का टॉपर भी रह चुका है. जांच में यह भी पता उसके पास पढ़ रहे बच्चों को भी उसने उस वीडियो में इस्तेमाल किया है जो कि माइनर हैं
संगठित तौर पर काम करते थे
एक आरोपी ने तो बाकायदा एक मैनेजर रखा है जो फिल्म लाइन से जुड़ा हुए लोगों से आर्टिस्ट मंगवाते थे और फिर उसे पूरा रोल बताते थे. फिर लड़की को अश्लील वीडियो बनाने के लिए तैयार किया जाता था. इनका एक वीडियो ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 मिनट का होता था.
पुलिस को अबतक ऐसे 17 यूट्यूब चैनल के बारे में जानकारी मिली है जिसपर इनलोगों ने 300 से ज्यादा वीडियोस अपलोड किए हैं. पुलिस ने इस तरह के अश्लील चैनलो को भी बंद करने के लिए यूट्यूब को लिखा है और मामले की जांच कर रही है.