देश में सेना की साइबर सुरक्षा में सेंध लगने की आशंका है. व्हाट्सएप के जरिए जासूसी किए जाने का शक है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है. इनके तार पड़ोसी देश द्वारा जासूसी से संबंधित गतिविधियों से जुड़े होने का संदेह है. साइबर सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में, रक्षा सूत्रों ने कहा कि सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने कुछ सैन्य अधिकारियों द्वारा साइबर सुरक्षा उल्लंघन का संदेह जताया है. जो एक पड़ोसी देश द्वारा जासूसी से संबंधित गतिविधियों से जुड़ा होने की संभावना है. न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से रक्षा सूत्रों ने बताया कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप पर उल्लंघन की सूचना दी गई है.


व्हाट्सएप पर साइबर सुरक्षा का उल्लंघन


व्हाट्सएप पर साइबर सुरक्षा उल्लंघन को लेकर देश के कई सैन्य अधिकारी शक के घेरे में हैं. आरोपों का सामना कर रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर, सूत्रों ने कहा कि इस मामले में तुरंत जांच करने के आदेश दिए गए हैं. सैन्य अधिकारियों से जुड़े जासूसी के मामलों में सख्ती से निपटा जाता है क्योंकि सैन्य अधिकारी आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के अधीन हैं. सूत्रों ने बताया कि चल रही जांच में दोषी पाए जाने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. रक्षा सूत्रों के मुताबिक सैन्य अधिकारियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते वक्त नियमों और आचार संहिता का पालन करने के सख्त निर्देश दिए जाते हैं ताकि वो किसी देश की साजिश का शिकार न बन सकें.


शक के दायरे में देश के कुछ सैन्य अधिकारी


फिलहाल ये पूरा मामला सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में संदिग्ध पाकिस्तानी और चीनी खुफिया गुर्गों ने सेना और उसकी गतिविधियों पर संवेदनशील जानकारी हासिल करने के प्रयास में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सैन्य कर्मियों के साथ जुड़ने का प्रयास किया है. हालांकि उनके अधिकांश प्रयास विफल हो जाते हैं, फिर भी वे कुछ सैन्य कर्मियों से जानकारी निकालने में सक्षम होते हैं जो उनके जाल में फंस जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा जाता है.


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