Bank Robbery: पुणे में स्टेट बैंक की मुख्य ट्रेजरी शाखा को साइबर ठगों ने बनाया निशाना, 19 लाख रुपये किए गायब
SBI Bank: पुणे में स्टेट बैंक की ट्रेजरी ब्रांच को एक फर्जी मेल भेजा गया था. मेल में शहर के प्रसिद्ध जौहरी चंदुकाका सर्राफ एंड संस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक किशोर शाह होने का दावा किया गया.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे में स्टेट बैंक को प्रसिद्ध जौहरी चंदुकाका सर्राफ के नाम से एक फर्जी ई-मेल भेजा गया. मेल में कहा गया, ''मैं किशोर कुमार शाह बोल रहा हूं और आरटीजीएस के माध्यम से 19 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएं.'' पुलिस के अनुसार, बैंक की ट्रेजरी ब्रांच (कोषागार शाखा) को यह फर्जी मेल भेजा गया था. मेल में शहर के प्रसिद्ध जौहरी चंदुकाका सर्राफ एंड संस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक किशोर शाह होने का दावा किया गया.
साइबर बदमाशों की ओर से कथित तौर पर स्टेट बैंक के प्रबंधक से कहा गया, ''मैं आपका बहुमूल्य ग्राहक हूं.'' यह भी कहा गया कि रिश्तेदार बीमार हैं. इस तरह साइबर चोरों ने बैंक को भरोसा दिलाते हुए तुरंत रुपयों का ड्राफ्ट तैयार करने को कहा. साइबर बदमाशों ने दो अलग-अलग बैंक खातों में रुपये भेजने को कहा. जब पता चला कि सारा मामला फर्जी है तो शाखा प्रबंधक पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे. पूरा मामला बूंदागार्डन थाने का है. पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है आरोपियों की तलाश में लग गई है.
ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर में सामने आया
कानपुर में चोरों ने जिले के सचेंदी क्षेत्र में 10 फुट लंबी सुरंग बनाकर बैंक का गोल्ड चेस्ट तोड़ दिया और कथित तौर पर एक करोड़ रुपये मूल्य का सोना ले गए. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विजय ढल ने बताया कि हालांकि स्ट्रांग रूम में घुसने में सफल रहे चोर कैश चेस्ट नहीं तोड़ सके, जिसमें 32 लाख रुपये की नकदी रखी थी. उन्होंने बताया कि यह चेस्ट, गोल्ड चेस्ट के पास ही रखा था. उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक की भानुति शाखा से चोरी हुए सोने का अनुमान देने में बैंक अधिकारियों को घंटों लग गए और उनका दावा है कि चोरी किये गए 1.8 किलोग्राम से अधिक सोने का मूल्य करीब एक करोड़ रुपये है.
'चार फुट चौड़ी और 10 फुट लंबी सुरंग खोदी'
जांच कर रहे पुलिस और फारेंसिक अधिकारियों ने पाया कि चोरों ने बैंक के पास खाली पड़े एक प्लॉट से करीब चार फुट चौड़ी और 10 फुट लंबी एक सुरंग खोदी और वारदात को अंजाम दिया. उन्होंने बताया कि यह बैंक के ही किसी व्यक्ति का काम हो सकता है, जिसने इस लूट में पेशेवर अपराधियों की मदद की. हमें स्ट्रांग रूम से अंगुलियों के निशान समेत कुछ सुराग मिले हैं जिनसे इस घटना का खुलासा करने में मदद मिल सकती है.
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि चोरों ने इस इलाके की पहले से रेकी जरूर की थी और वे इस बैंक के निर्माण, वास्तुशिल्प आदि से और साथ ही स्ट्रांग रूम और गोल्ड चेस्ट की जगह से परिचित थे.