लॉकडाउन में साइबर अपराधी रहे सबसे ज्यादा एक्टिव, सिर्फ तीन महीनों में सामने आए 10 हजार से ज्यादा केस
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक लॉकडाउन में जहां स्ट्रीट क्राइम कम हुआ, वहीं साइबर क्राइम की वारदातों का ग्राफ सबसे ज्यादा ऊपर चला गया.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान साइबर क्रिमिनल सबसे ज्यादा एक्टिव रहे. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक लॉकडाउन में जहां स्ट्रीट क्राइम कम हुआ, वहीं साइबर क्राइम की वारदातों का ग्राफ सबसे ज्यादा ऊपर चला गया. साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा मामले मई-जून-जुलाई और अगस्त में सामने आए.
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम की वारदातों में 4 गुना बढ़ोतरी हुई. साइबर क्रिमिनल्स ने अलग-अलग तरीकों से आम लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस के मुताबिक, इस दौरान ठगी फेक सरकारी वेबसाइट बनाकर, सरकारी नौकरियों का आश्वासन देकर, पेमेंट एप्लीकेशन, के वाई सी वेरीफिकेशन, कस्टमर केयर कॉल और एडिटेड वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करना ऐसे ठगी की गई.
इतना ही नहीं हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश यानी मेवात रीजन में क्यूआर कोड, OLX, जस्ट डायल, फेसबुक से जुड़े साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिले. झारखंड, बिहार, वेस्ट बंगाल इन इलाकों से यूपीआई हैकिंग, केवाईसी वेरीफिकेशन, सिम अपडेट और रिफंड के नाम पर साइबर ठगी की गई.
एनसीआर रीजन में कॉल सेंटर के जरिए नौकरी लोन और इंश्योरेंस फ्रॉड देखने को मिले. साइबर सेल ने इस दौरान 66 केस दर्ज किए 213 अपराधियों को गिरफ्तार किया. 165265 शिकायतकर्ताओं की शिकायत दर्ज की.
जनवरी से लेकर साइबर क्राइम का डेटा कुछ इस प्रकार है.
जनवरी- 1480 फरवरी- 2092 मार्च- 1895 अप्रैल- 3372 मई- 4188 जून- 3239 जुलाई- 4103 अगस्त- 3804 सितंबर- 3040 अक्टूबर- 3049 नवंबर- 2634 दिसंबर- 2230
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