नई दिल्ली: एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा है कि चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ साल 1999 के बाद भारत में आने वाला यह दूसरा प्रचंड चक्रवातीय तूफान है. उन्होंने कहा कि प्रचंड तूफान ‘अम्फान’ के 20 मई को तट पर पहुंचने का अनुमान है और इसे अत्यधिक गंभीरता से लिया जा रहा है.


प्रधान ने कहा कि आने वाला तूफान ‘प्रचंड’ है और 1999 के बाद दूसरी बार ‘महाचक्रवात’ श्रेणी का एक तूफान ओडिशा के तट से टकराने वाला है.'' 1999 का महाचक्रवात बेहद जानलेवा था और अनुमान है कि तट पर आने के दौरान इसका प्रभाव भी ‘फोनी’ चक्रवात जैसा होगा. मई 2019 में आए फोनी से ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटवर्ती क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए थे. एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है और केन्द्र सरकार इसे लेकर बहुत गंभीर है.


प्रधान ने कहा, ‘‘हमने इससे प्रभावित होने वाले राज्यों ओडिशा और पश्चिम बंगाल से अनुरोध किया है कि वे समुचित कदम उठाएं. ये राज्य पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं.’’ एनडीआरएफ ने इन दोनों राज्यों में कुल 37 टीमें तैनात की हैं.


मौसम विभाग का दावा


आईएमडी डीजी एम महापात्र ने कहा कि चक्रवात अम्फान बहुत प्रचंड है, बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों में 19 और 20 मई को बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है.


पीएम मोदी की बैठक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हो रहे चक्रवात ‘अम्फान’ को देखते हुए तैयारियों का जायजा लिया गया. उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले राज्यों को हरसंभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया.


बैठक के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कहा कि वह हर किसी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और ‘‘केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव सहयोग का आश्वासन देते हैं.’’ पीएमओ ने कहा कि समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री को बताया गया कि चक्रवात अम्फान के लिए एनडीआरएफ की 25 टीम तैनात है , 12 अन्य को तैयार रखा गया है.


बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी मौजूद थे. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात अम्फान ने सोमवार को महाचक्रवात का रूप धारण कर लिया. यह बंगाल की खाड़ी में उत्तरपूर्व की तरफ रूख कर सकता है और 20 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में दीघा और हटिया द्वीप के बीच तटों से गुजर सकता है.


ओडिशा में अधिक प्रभावित जिले
ओडिशा में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है जबकि गजपति, गंजाम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जैसे ओडिशा के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा है.


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