नई दिल्ली: मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘अम्फान’ ने बुधवार को दोपहर ढाई बजे के करीब पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच दस्तक दी. तेज बारिश और तूफानी हवाओं के साथ अगले चार घंटे में यह चक्रवात और भीषण हो जाएगा. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात के आगमन के समय इसकी रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटा थी.


रफ्तार 190 किलोमीटर प्रति घंटा पहुंचने की आशंका


आगे इसकी रफ्तार 190 किलोमीटर प्रति घंटा पहुंचने की आशंका है. सुबह से ही पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी क्षेत्र के कई जिलों में भारी बारिश हुई है और तूफानी हवाएं चल रही है. समय के साथ इसकी गति और बढ़ती जा रही है. मौसम विभाग ने बताया कि दिन में तीन बजकर पांच मिनट पर दमदम हवाई अड्डे पर हवा की रफ्तार 76 किलोमीटर प्रति घंटा थी. आगमन के बाद इसके उत्तर-पूर्वोत्तर हिस्से में बढ़ने का अनुमान है. पूर्वी हिस्से में यह कोलकाता के करीब से गुजरेगा. इससे निचले इलाके में पानी भरने और भारी क्षति की आशंका है.


ओडिशा और बंगाल में बारिश और कई मकान ढहे


बुधवार को भारतीय तटों की ओर तेजी से आगे बढ़ा जिसकी वजह से तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बारिश शुरू हो गई और कई मकान ढह गए. अब तक 6 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसमें पांच लाख लोग पश्चिम बंगाल और 1.58 लाख ओडिशा में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं.


ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाडा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई स्थानों में मंगलवार से भारी बारिश हो रही है. हालांकि तूफान ओडिशा में पारादीप के पूर्व- दक्षिणपूर्व में करीब 120 किलोमीटर, दीघा (पश्चिम बंगाल) के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में 125 किलोमीटर और कोलकाता के दक्षिण में करीब 220 किलोमीटर दूर है लेकिन इसका असर दोनों राज्यों में दिखाई देने लगा है. भारत के मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि ‘अम्फान’ के सुंदरवन के निकट बांग्लादेश में हटिया द्वीप और दीघा के बीच से बुधवार दोपहर से शाम के बीच गुजरने की संभावना है.


कोलकाता पहुंचेगा तो कितनी होगी रफ्तार?


एक मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि तूफान के केंद्र के आस-पास हवाओं की गति लगातार 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा बनी रही, जिन्होंने बीच-बीच में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी. चक्रवात जब दिन में बाद में कोलकाता पहुंचेगा तो 110 से 120 किलोमीटर घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. इसके बाद यह और कमजोर होकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और नदिया पहुंचेगा. इसके बाद यह बांग्लादेश में गहरे दबाव के रूप में पहुंचेगा.


एनडीआरफ की टीमें तैनात


एनडीआरएफ ने दोनों राज्यों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 41 टीमों को तैनात किया है. हर टीम में 41 सदस्य हैं. इसके अलावा पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी तैनात किया गया है. मौसम विज्ञान विभाग ने कोलकाता और निकटवर्ती इलाकों में 20 मई को सभी संस्थान एवं बाजार बंद करने और लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी है.


कोलकाता में चक्रवात के मद्देनजर अधिकतर लोग घरों में हैं, इसलिए सड़कों पर यातायात बेहद कम नजर आया. मौसम वैज्ञानिकों ने सचेत किया है कि कई स्थानों पर रेल और सड़क मार्ग बाधित हो सकते हैं, बिजली एवं संचार के खंभे उखड़ सकते हैं और सभी प्रकार के कच्चे घरों को बहुत नुकसान होगा. मौसम विभाग ने तैयार फसलों और बाग-बगीचों को भारी नुकसान होने की आशंका जताई.


तूफान के चलते रेलवे ने रद्द की हावड़ा-नयी दिल्ली एसी स्पेशल एक्सप्रेस


पूर्व रेलवे ने बताया कि इस चक्रवात के कारण भारी बारिश होने और तूफान आने की आशंका है. इसी के मद्देनजर बुधवार को रवाना होने वाली 02301 हावड़ा-नयी दिल्ली एसी स्पेशल एक्सप्रेस और 21 मई को चलने वाली नयी दिल्ली-हावड़ा एसी स्पेशल एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है. चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण कोलकाता हवाईअड्डे पर गुरुवार सुबह पांच बजे तक मालवाहक विमान सेवा स्थगित रहेगी.


‘डॉप्लर वेदर रडार' की मदद से रखी जा रही है नजर


भुवनेश्वर से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार विशाखापत्तनम, पारादीप और गोपालपुर में ‘डॉप्लर वेदर रडार’ की मदद से चक्रवाती तूफान पर निरंतर नजर रखी जा रही है. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया कि कई जिलो में पेड़ टूट जाने और झोपड़ियां नष्ट होने की खबरें मिली हैं. जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर और मयूरभंज जिलों में दोपहर बाद तक चक्रवाती तूफान का असर रहेगा.


एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने बुधवार को बताया कि बचाव दल और प्रशासन ‘अमावस्या’ होने के कारण चार से छह मीटर ऊंची तूफानी या ज्वारभाटा की लहरों से निपटने के लिए तैयार है. इससे पहले ओडिशा में पिछले साल तीन मई को आए ‘फेनी’ तूफान के कारण कम से कम 64 लोगों की मौत हो गई थी.


बांग्लादेश में 20 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया


बांग्लादेश ने भीषण चक्रवात अम्फान आने के मद्देनजर 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है और चक्रवात से जुड़ी घटनाओं से निपटने के लिए सेना को तैनात किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि देश के कुछ जिलों को अधिक खतरे वाले स्तर पर रखा गया है. चक्रवात देश के तटीय क्षेत्र के निकट पहुंच रहा है. इसे 2007 में देश में आए चक्रवात ‘सिद्र’ के बाद सबसे अधिक प्रचंड चक्रवात माना जा रहा है. ‘सिद्र’ से देश में 3,500 लोगों की मौत हुई थी.


बीडीन्यूज24डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की सेना, नौसेना और वायुसेना ने महाचक्रवात से निपटने की तैयारी कर ली है। चक्रवात बांग्लादेश के तट की ओर 400 किमी अंदर आ गया है और बुधवार शाम तक इसके असर दिखाने की आशंका है. रिपोर्ट में आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री इनामुर रहमान के हवाले से कहा गया कि बुधवार शाम छह बजे चक्रवात आने की आशंका है.


मंगलवार को अधिकारियों ने 22 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम शुरू कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया कि नौसेना ने आपात राहत, बचाव और चिकित्सा अभियान चलाने के त्रिस्तरीय प्रयासों के तहत 25 नौकाओं को तैनात किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना और वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है.


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