Cyclone Amphan: आज बंगाल-ओडिशा के तट से टकराएगा अम्फान, प्रशासन अलर्ट
इसके मद्दे नजर मौसम विभाग ने पूर्वी तटों के राज्य तमिलनाडु और पुडुचेरी से लेकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और आस-पास के तटीय इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, ओडिशा के तटीय जिले हाई अलर्ट पर हैं.
नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात तूफान अम्फान अब सुपर साइक्लोन में बदल चुका है. 20 मई यानी आज यह पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हतिया द्वीप के बीच में टकरा सकता है. उस वक्त इसकी हवा की गति 185 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है. इसके मद्दे नजर मौसम विभाग ने पूर्वी तटों के राज्य तमिलनाडु और पुडुचेरी से लेकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और आस-पास के तटीय इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, ओडिशा के तटीय जिले हाई अलर्ट पर हैं.
बता दें कि महाचक्रवात अम्फान मंगलवार को कुछ कमजोर पड़कर ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान’ में बदल गया लेकिन अभी भी यह इतना ताकतवर बना हुआ है कि यह पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में नुकसान पहुंचा सकता है. इन दोनों राज्यों से लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.
यह पश्चिम बंगाल में दीघा तट से 510 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में केन्द्रित है था, इसलिए इसके उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने का अनुमान है. इन दोनों राज्यों में सतर्कता बरती जा रही है.
अमित शाह ने की ममता बनर्जी से बात
साइक्लोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी एक्टिव हो गई है. गृह मंत्री अमित शाह ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की और उन्हें केंद्र से हर संभव मदद पहुंचाने की बात कही. वहीं, कोलकाता में भी चक्रवात का असर दिखाई देने लगा और बारिश हो रही है. बंगाल में अम्फान के चलते बुधवार को भूस्खलन की आशंका है.
सभी एहतियाती कदम उठाये गए- ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि आसन्न चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों से कम से कम तीन लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाये गए है. बनर्जी ने कहा कि वह और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और कई हेल्पलाइन नंबरों की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘महाचक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती उपाय किए गए हैं. कम से कम तीन लाख लोगों को राज्य के तटीय जिलों से हटाया गया है और राहत शिविरों में ले जाया गया है.’’बनर्जी ने कहा कि निकाले गए सभी लोगों को चक्रवात राहत शिविरों में ले जाया गया है और अन्य सभी सावधानियां बरती जा रही हैं.मौसम विज्ञान केंद्र क्या कह कहा है
मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच आर विश्वास ने कहा कि मंगलवार सुबह ‘अम्फान’ का केंद्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर था, जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 420 किलोमीटर दक्षिण, दीघा से 570 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और बांग्लादेश के खेपुपारा से 700 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में है.
उन्होंने कहा कि इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में कमजोर होकर उत्तर-उत्तरपूर्व की दिशा में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने और बुधवार की दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप के बीच से गुजरने की संभावना है. तूफान में हवाओं की गति निरतंर 155 से 165 किलोमीटर प्रति बनी रहेगी जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है.
एनडीआरएफ की 41 टीमें तैनात
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस.एन. प्रधान ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा कि आसन्न महाचक्रवात ‘अम्फान’ से उत्पन्न किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बल की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है.
प्रधान ने कहा कि चक्रवात ‘अम्फान’ के रूप में यह दूसरी आपदा आ रही है क्योंकि हम पहले ही कोविड-19 का मुकाबला कर रहे हैं और इसलिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘अम्फान से प्रभावित होने वाले दो राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है.’’
उन्होंने कहा कि ओडिशा के सात जिलों में एनडीआरएफ की 15 टीमों को तैनात किया गया है और पांच टीमों को तैयार रखा गया है जबकि पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 19 टीमों को तैनात किया गया है जबकि दो टीमों को तैयार रखा गया है.
उन्होंने कहा कि अम्फान जब 20 मई को पहुंचेगा तो यह बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान होगा, इसके नुकसान पहुंचाने की क्षमता बनी हुई है इसलिए, हमने उसी के अनुसार तैयारी की है.’’
इस बार भी तैयारी 1999 में ओडिशा तट पर आए महाचक्रवात का सामना करने जैसा
प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियमों के कारण लगभग एक हजार की क्षमता वाले चक्रवात राहत केन्द्रों में केवल 400-500 स्थानीय लोग होंगे. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ ने मई 2019 में ओडिशा में आये चक्रवात ‘फोनी’ से निपटने के अपने अनुभव से सीखा है.
उन्होंने कहा, ‘‘वायरलेस सेट, सैटेलाइट फोन और अन्य संचार उपकरण भी हमारी टीमों के साथ हैं, हमारी तैयारी 1999 में ओडिशा तट पर आये महाचक्रवात का सामना करने जैसी ही है.’’
सुंदरवन को नुकसान का गंभीर खतरा
पश्चिम बंगाल में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर जिले और पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील सुंदरवन को तेज जल प्रवाह और जानमाल के नुकसान का गंभीर खतरा है, राज्य के आपदा विभाग मंत्री जावेद खान ने कहा, ‘‘लोगों को चक्रवात आश्रय केंद्रों, स्कूल और कॉलेजों में रखा गया है. पिछले साल चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ और ‘बुलबुल’ से निपटने के हमारे अनुभव काम आएंगे.’’