Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय तेजी से भारत की ओर बढ़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक देश 15 जून तक इसके पहुंचने का अनुमान है. वहीं ऐसा कहा जा रहा है कि गुजरात और महाराष्ट्र में तूफान अपना सबसे ज्यादा रौद्र रूप दिखाएगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसे बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान की कैटेगरी में घोषित करते हुए अलर्ट जारी किया है. 


विभाग ने मछुआरों को समुद्र में ना जाने के आदेश दिए हैं. विभाग के अनुसार तूफान के गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों में तूफान का सबसे ज्यादा असर होने की आशंका के चलते निचले इलाकों से लोगों को निकाला गया है. ऐसे में तूफान को लेकर राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार भी तैयार है.


तूफान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक की. अमित शाह को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तूफान को लेकर तैयारियों जानकारी दी. शाह ने पटेल को गुजरात सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. पटेल ने कहा कि राज्य हर हालात से निपटने के लिए तैयार है. पीएम और गृहमंत्री के मार्गदर्शन में आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम किए गए हैं.


4 हजार परिवारों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थानों पर
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी हालातों का जायजा लिया. भुज के निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है. लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए 2 हजार से ज्यादा पुलिस के जवान और 14 हजार से ज्यादा होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि द्वारका के आसपास के जिलों के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार है. तूफान की वजह से 44 गांवों के 4 हजार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.


2500 जवान  किए गए है तैनात 
चक्रवात 'बिपरजॉय' के मद्देनजर 69 ट्रेनों को रद्द किया गया है. 32 ट्रेनों की आवाजाही को थोड़े समय के लिए रोका गया. वहीं 14 और 15 जून के लिए तटीय इलाकों की ज्यादातर ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. तूफान को लेकर रेलवे अधिकारी ने कहा कि किसी भी हालात से निपटने के लिए रेलवे पूरी तरह से तैयार है. निगरानी के लिए RPF के 2500 जवान तैनात किए गए हैं.


बिपरजॉय के मद्देनजर पश्चिम रेलवे ने वॉर रूम बनाए हैं. चक्रवात बिपरजॉय कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी को ज्यादा प्रभावित कर सकता है जिसकी वजह से NDRF की 17 और SDRF की 13 टीमें तैनात की गईं है. तूफान की भयावहता को देखते हुए कच्छ के कांडला पोर्ट को खाली करवाया गया. वहीं 1500 से 2000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.


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