Cyclone Biparjoy: चक्रवातीय तूफान बिपरजॉय भारत के पश्चिमी तट पर अपना रौद्र रूप दिखा रहा है. तूफान के तट पर पहुंचने से पहले ही इसका असर दिखाई देने लगा है. मुंबई से लेकर गुजरात के कच्छ तक तटीय इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं और समंदर में डरावनी लहरें उठ रही हैं. नुकसान की आशंका को देखते हुए सरकार ने एहतियात बरतना शुरू कर दिया है. तटीय इलाकों को खाली कराया जा रहा है. बंदरगाहों को बंद कर दिया है और वहां से जहाजों को भेजा गया है. 


साइक्लोन को ध्यान में रखते हुए मुंबई के समुंदरी किनारों पर सुरक्षा के इंतज़ाम कड़े कर दिये गए हैं. गेटवे ऑफ़ इंडिया के पास सभी बोट सर्विस बंद कर दिए गए हैं. समुद्र के किनारों के पास फुटपाथ पर चलने पर भी रोक लगा दी गई है. मरीन ड्राइव के पास समुद्रीय किनारों पर भी रोक है.


तूफान के चलते भारी नुकसान की आशंका


तूफान के 15 जून की शाम तक गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ से गुजरने का अनुमान है. कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी के चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है. मौसम विज्ञान विभाग ने 125-135 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई है, जिससे इलाके में काफी नुकसान की आशंका है. इसके साथ ही भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है. केंद्रीय गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. आइए चक्रवातीय तूफान से होने वाले संभावित नुकसान पर एक नजर डालते हैं.


किस तरह का खतरा ?



  • छप्पर वालों घरों के पूरी तरह नष्ट होने का खतरा

  • कच्चे घरों को भी व्यापक नुकसान का खतरा

  • पक्के मकानों को भी हो सकता है हल्का नुकसान

  • उड़ने वाली वस्तुओं से खतरा ज्यादा

  • बिजली और संचार के खंभे झुक सकते हैं या गिर सकते हैं

  • कच्ची और पक्की सड़कों को भारी नुकसान

  • पलायन मार्गों पर बाढ़ का खतरा

  • रेलवे, ओवरहेड बिजली लाइन और सिग्नल सिस्टम को मामूली नुकसान

  • खड़ी फसलों, वृक्षारोपण, बागों को व्यापक नुकसान 

  • हरे नारियल का गिरना और ताड़ के पत्ते टूटने की संभावना

  • पेड़ उखड़ सकते हैं

  • छोटी नावों के घाटों से अलग होने का खतरा

  • विजिबिलटी पर बुरा असर


मछुवारों के लिए चेतावनी



  • मछली पकड़ने पर पूरी तरह रोक रहेगी

  • जो लोग समुद्र में हैं उन्हें तक पर लौटने की सलाह दी गई

  • भारत के पश्चिमी तट पर बंदरगाहों को आवश्यक सावधानी बरतनी होगी

  • नौसेना बेस संचालन में आवश्यक सावधानी बरत सकते हैं

  • मोटर बोट छोटे जहाजों को आवाजाही से बचने के लिए कहा गया है


तटीय क्षेत्र बरतनी होगी सावधानी



  • सौराष्ट्र और कच्छ (कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले) के तटीय क्षेत्र से लोगों को खाली कराना

  • रेल और सड़क यात्रा के दौरान सावधानी बरतनी होगी

  • प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को घर के अंदर रहने को कहा गया

  • पर्यटन गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है


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