गुजरात पर टूटेगा 'बिपरजॉय' का कहर! जानें आज से 16 जून तक कैसा होगा तूफान का असर, पढ़ें हर दिन की रिपोर्ट
Cyclone Biparjoy: चक्रवाती बिपरजॉय फिलहाल अरब सागर में है और 15 जून को गुजरात के कच्छ के तट से टकरा सकता है. गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र और केरल में भी इसका असर पड़ने की संभावना है.
Cyclone Biparjoy: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के 15 जून को गुजरात में कच्छ के तट से टकराने की संभावना है. हालांकि, मुंबई से लेकर केरल तक पर बिपरजॉय तूफान का असर होने की संभावना है. इस दौरान गुजरात में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है.
गुजरात में क्या है बारिश की डेटलाइन?
बिपरजॉय तूफान की वजह से गुजरात के कच्छ, देवभूमी, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में अगले दो-तीन दिन में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है.
13 जून: सौराष्ट्र-कच्छ के तटीय जिलों के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम और छुटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी है.
14 जून: कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों में अधिकतर जगहों पर मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना है.
15 जून: कच्छ, द्वारका और जामनगर में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में कुछ जगहों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात क्षेत्र के बाकी जिलों में छुटपुट जगहों पर भारी बारिश की संभावना है.
16 जून: उत्तरी गुजरात और दक्षिण राजस्थान के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट है. वहीं, कुछ जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.
तेज हवा की चेतावनी
सौराष्ट्र और कच्छ के साथ द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में में तेज हवा की चलने की चेतावनी जारी की गई है. मंगलवार (13 जून) को करीब 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. वहीं, 14 जून को हवा की रफ्तार 60 से 70 किमी की रह सकती है.
वहीं, 14 जून को पोरबंदर, द्वारका जिले के तटों पर हवा की रफ्तार 85 किमी प्रतिघंटा तक रह सकती है. 15 तारीख की सुबह से अगले 12 घंटे तक हवा की रफ्तार 125 से 150 किमी प्रति घंटे से चलने की संभावना है. 16 जून से वापस हवा की रफ्तार कम होने लगेगी और गति 45-55 किमी तक रह सकती है.
इन इलाकों में है तूफान आने की चेतावनी
गुजरात के कच्छ, द्वारका , पोरबंदर, जामनगर और मोरबी के कुछ हिस्सों में लैंडफॉल के वक्त निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना जताई गई है. इसी के साथ कई जगहों पर स्ट्रोनॉमिक टाइड (ज्वार) 3-6 मीटर तक हो सकता है.
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