Cyclone Biparjoy Landfall: चक्रवात बिपरजॉय को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने ताजा जानकारी दी है. आईएमडी के निदेशक ने गुरुवार (15 जून) की रात को करीब दो बजे को बताया कि चक्रवात बिपरजॉय उत्तर पूर्व की ओर मूव हुआ और इसने गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के करीब पाकिस्तान तट से सटे सौराष्ट्र-कच्छ को पार किया. इस दौरान हवा की स्पीड 115 से 125 किलो मीटर प्रति घंटे थी. चक्रवात अब समुद्र से जमीन की ओर बढ़ गया है और सौराष्ट्र-कच्छ की ओर केंद्रित है.
उन्होंने कहा, ''इसकी स्पीड धीरे-धीरे कम हो रही है. 16 जून की सुबह को स्पीड और कमजोर हो जाएगी. तब इसकी स्पीड 75 से 85 किलो मीटर प्रति घंटे होगी. इसका सेंटर सौराष्ट्र-कच्छ के ऊपर रहेगा. इसके बाद नॉर्थ ईस्ट की दिशा में बढ़ेगा और शाम तक साउथ राजस्थान और नॉर्थ गुजरात के क्षेत्र में केंद्रित रहेगा. इसकी स्पीड घटती जाएगी. तब इसकी स्पीड 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. राजस्थान में 17 जून को भी भारी बारिश होगी.''
तेज हवाओं के साथ भारी बारिश
चक्रवात बिपरजॉय की वजह से गुजरात के कच्छ, द्वारका, मोरबी और अन्य इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. चक्रवात ने कच्छ जिले में गुरुवार (15 जून) शाम को दस्तक दी थी. आईएमडी (IMD) ने कहा था कि चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया देर शाम शुरू हो गई और ये प्रक्रिया मध्यरात्रि तक पूरी होगी.
चक्रवात की चुनौतियों से निपटने के लिए एजेंसियों को सतर्क रखा गया है. दिन में आईएमडी ने कहा था कि चक्रवात भारी बारिश लाएगा और समुद्र में 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं. जिसके चलते चक्रवात के टकराने के दौरान कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका है.
चक्रवात की चुनौतियों से निपटने के लिए जवानों ने कसी कमर
अधिकारियों ने कहा कि राहत और बचाव कार्य को लेकर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना, भारतीय तट रक्षक और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने भी कमर कस ली है. एनडीआरएफ की 15 टीम और एसडीआरएफ की 12 टीम राहत-बचाव कार्यों के लिए तैनात की गई हैं.
एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया
गुजरात के आठ तटीय जिलों से एक लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है. लोगों को सुरक्षित आश्रयों में ले जाया गया है. गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने बताया कि तूफान के कारण करीब 22 लोग घायल हो गए हैं. अभी तक किसी के मरने की खबर नहीं है. 23 पशुओं की मौत हुई है. 524 पेड़ गिर गए हैं. कुछ जगहों पर बिजली के खंभे भी गिर गए हैं, जिससे 940 गांवों में बिजली गुल है.
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