Cyclone Biporjoy Update: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. इस महातूफान को लेकर यह अनुमान है कि ये करीब 4.30 बजे जखाऊ बंदरगाह से टकराएगा. गुजरात में हवा की रफ्तार भी तेज हो गई है, जिसके चलते राज्य के 7 जिलों में बाढ़ बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. आलम ये है कि राज्य प्रशासन ने तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर स्थानांतरित कर दिया है और बचाव और राहत उपायों के लिए आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैनात किया है. 


महातूफान को लेकर सौराष्ट्र और कच्छ समेत गुजरात के आठ जिलों में गुरुवार (15 जून) को रेड अलर्ट जारी किया गया. मई 2021 में 'ताउते' चक्रवात के बाद दो साल के भीतर राज्य में आने वाला यह दूसरा चक्रवात होगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चक्रवात 'बिपरजॉय' गुरुवार शाम को 'बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान' के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास पहुंचेगा और इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. गुजरात सरकार की ओर से कहा गया है कि आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है. 


इन जिलों में लोगों को किया गया शिफ्ट 
गुजरात सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को, जबकि जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बुधवार रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) पहुंचे और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर समग्र स्थिति व प्रशासन द्वारा अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की. 


सौराष्ट्र और कच्छ जिलों के इतने तालुकों में हुई बारिश 
इस बीच, एक अन्य विज्ञप्ति में कहा गया है कि गुजरात के दो सबसे प्रसिद्ध मंदिर - देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर- गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे.एसईओसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बुधवार शाम छह बजे तक 12 घंटे में, सौराष्ट्र क्षेत्रों के जिलों के 65 तालुकों में बारिश हुई. एसईओसी के अनुसार, बुधवार सुबह समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र और कच्छ जिले के 54 तालुक में 10 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा. इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में सबसे अधिक 121 मिमी बारिश हुई, इसके बाद द्वारका (92 मिमी) और कल्याणपुर (70 मिमी) में बारिश हुई.


सरकार के अनुसार, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 15, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12, राज्य सड़क एवं भवन विभाग की 115  और राज्य बिजली विभाग की 397 टीम विभिन्न तटीय जिलों में तैनात की गई हैं. इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात 'बिपारजॉय' के प्रभाव से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की. तैयारियों की समीक्षा करने के बाद सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं. सिंह ने ट्विटर पर कहा, 'तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात 'बिपारजॉय' के संबंध में सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की' 


राजनाथ सिंह ने कहा, ''सशस्त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति या आपात स्थिति से निपटने में अधिकारियों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं. राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भी तैयार हैं.’’ इस बीच, गुजरात तट पर स्थित मांडवी शहर के पारंपरिक जहाज निर्माता इस बात से चिंतित हैं कि चक्रवात से उनके उद्योग को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि तट पर निर्माणाधीन जहाजों को सुरक्षा के लिए आसानी से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.पोत निर्माण से संबंधित एक कार्यशाला की देखरेख करने वाले अब्दुल्ला यूसुफ माधवानी ने कहा, 'एक जहाज को बनाने में लगभग दो साल लगते हैं..एक जहाज के निर्माण में लगभग 50 से 70 लाख रुपये का खर्च आता है..हमें डर है कि चक्रवात उन जहाजों को नष्ट कर देगा जो निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. 


इनपुट-भाषा से भी


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