कोलकाताः बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे चक्रवात अगले दो दिनों में 'बहुत गंभीर' होकर जान माल का नुकसान पहुंचा सकता है. यह चक्रवात पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और ओडिशा के तट के करीब से गुजरेगा. इस बात की जानकारी मौसम विभाग ने गुरुवार को दी. मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जी के दास ने कहा, ''चक्रवात बुलबुल कोलकाता से 930 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व अवस्थित है और गुरुवार रात को इसके और मजबूत होने की संभावना है.''


'समुद्र में न जाएं मछुआरे'


मौसम विभाग के मुताबिक यह शनिवार को और ताकतवर होकर बहुत गंभीर श्रेणी में पहुंच जाएगा जिससे समुद्र में स्थिति प्रतिकूल हो सकती है. चक्रवात को देखते हुए मछुआरों को गुरुवार शाम तक तट पर लौटने और अगले आदेश तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.


दास ने कहा, ''तूफान के उत्तर-उत्तरपश्चिम में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट की ओर रुख करने की संभावना है.'' चक्रवात 'बुलबुल' के प्रभाव क्षेत्र में हवा की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटे दर्ज की गई और जबकि केंद्र में इसकी गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे है.


'चक्रवात के कारण होगी भारी बारिश'


मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि अगर यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होता है तो इसकी अधिकतम गति 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच जाएगी और तूफान के केंद्र में गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.


मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवाती प्रणाली की निगरानी की जा रही है और तट से टकराने के संभावित स्थान का आकलन किया जा रहा है. इस बीच मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्वी मिदनापुर, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले में नौ से 11 नवंबर तक भारी बारिश होने की संभावना जतायी है.


एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि संबंधित जिलों के अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने और आपात स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा गया है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में शुक्रवार शाम से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और यह गति बढ़ती चली जाएगी.


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