नई दिल्ली: चक्रवात तूफान 'फानी' के कारण भारतीय नौसेना को हाई एलर्ट पर रखा गया है. भारतीय नौसेना को राहत कार्यों को लेकर हाई अलर्ट पर रखा गया है. बताया जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में इस चक्रवाती तूफान के और तेज होने की आशंका है और अगले 24 घंटों में यह बहुत ही भयंकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. इसके एक मई की शाम तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और इसके बाद धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर फिर से बढ़ने की संभावना है.'' मौसम विभाग ने कहा कि यह गुरुवार तक 'बेहद गंभीर चक्रवात' में तब्दील हो सकता है.


रात नौ बजे के बुलेटिन में आईएमडी के चक्रवात चेतावनी खंड ने बताया कि अभी यह तूफान श्रीलंका में त्रिनकोमाली से करीब 620 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व और चेन्नई से 700 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व तथा मछलीपट्टनम से 900 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में है. बुलेटिन में कहा गया कि इसके एक मई की शाम तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है.


पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) ने आवश्यक मानवीय सहायता देने के लिए तैयारी की है. विशाखापत्तनम और चेन्नई में भारतीय नौसेना के जहाज सहायता देने के लिए तैनात हैं. वह सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने के लिए तैयार खड़े हैं. इन जहाजों को अतिरिक्त गोताखोरों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ तैयार किया गया है. इन जहाजों में खाना, कपड़े, दवाएं, कंबल आदि पर्याप्त मात्रा में रखे हैं.


पूर्वी नौसेना कमान बंगाल की खाड़ी के घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और फ्लैग ऑफिसर तमिलनाडू और पुदुचेरी नेवल एरिया  और नेवल ऑफिसर्स-इन-चार्ज (आंध्र प्रदेश) और (ओडिशा) संबंधित राज्य प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं.


एनडीआरएफ और भारतीय तटरक्षक बल हाई अलर्ट


आपातकालीन स्थिति मामलों की देश की शीर्ष संस्था राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सोमवार को चक्रवात 'फानी' से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया और राज्य सरकारों को तूफान से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी सहायता मिलने का आश्वासन दिया. गृह मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है और मछुआरों से समुद्र में न जाने को कहा गया है क्योंकि चक्रवात 'फानी' के मंगलवार को बहुत तेज तूफान में परिवर्तित होने की आशंका है.


आंध्र प्रदेश और ओडिशा में बारिश होने की संभावना


आम तौर पर किसी चक्रवाती तूफान की हवाओं की गति 80-90 किलोमीटर प्रति घंटा होती है जबकि हवा की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ सकती है. 'अत्यंत भयंकर चक्रवाती तूफान' के मामले में, हवा की गति 170-180 किमी प्रति घंटे तक हो जाती है और यह 195 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक जा सकती है. गुरुवार को उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण तटीय ओडिशा में कुछ स्थानों पर हल्की व मध्यम बारिश होने की संभावना है.


कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता में यहां एनसीएमसी की बैठक हुई और हालात का जायजा लिया गया. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. इसमें सभी राज्य सरकारों के अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी की पुष्टि की.


पीएम मोदी के निर्देशों के बाद एनसीएमसी की बैठक

स्थिति पर करीबी नजर रख रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद एनसीएमसी की बैठक हुई. इस बीच, ओडिशा सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि संभावित चक्रवात के मद्देनजर राज्य सरकार ने दक्षिणी और तटीय जिलों को सतर्क कर दिया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य में चक्रवात की वजह से भूस्खलन की संभावना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि सभी 880 चक्रवात केंद्रों के अलावा ओडीआरएएफ (ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल) की 20 इकाइयों, एनडीआरएफ की 12 इकाइयों और 335 अग्निशमन इकाइयों को भी अलर्ट पर रखा गया है.


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