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फोनी तूफान: मौसम विभाग के अलग-अलग रंग के अलर्ट खतरे की भयावहता से कैसे जुड़े हैं ? जानिए
IMD या मौसम विभाग विभिन्न श्रेणियों के अलर्ट को इंगित करने के लिए चार कलर कोड का उपयोग करता है. ये चार रंग हरा, पीला, नारंगी और लाल है. आइए इन रंगों का क्या मतलब होता है यह जानते हैं
नई दिल्ली: चक्रवात फोनी 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा की तरफ बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने तीन राज्यों, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस वक्त आंध्र प्रदेश में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान फोनी का ओडिशा के करीब दस हजार गांवों पर असर पड़ेगा. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रिलीफ कैंप का दौरा करने के बाद लोगों से घरों में रहने की अपील की है.
खतरनाक फोनी की वजह से देश के तीन राज्यों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. ऐसे में सवाल है कि मौसम विभाग जब अलर्ट जारी करता है तो इसका मलतब क्या होता है. अलग-अलग रंग खतरे की भयावहता से कैसे जुड़े हैं? इमका मतलब क्या है. आइए जानते है इन सभी सवालों के जवाब
IMD या मौसम विभाग विभिन्न श्रेणियों के अलर्ट को इंगित करने के लिए चार कलर कोड का उपयोग करता है. ये चार रंग हरा, पीला, नारंगी और लाल है. आइए इन रंगों का क्या मतलब होता है यह जानते हैं
1- हरा रंग- इस रंग का मतलब होता है सब ठीक है. कोई सलाह जारी नहीं की गई है.
2- पीला रंग- इस रंग का मतलब होता है तैयार रहें स्थिति खराब हो सकती है. पीला रंग कई दिनों से खराब मौसम का संकेत देता है.
3-नारंगी रंग- ऑरेंज अलर्ट तब जारी किया जाता है जब सड़क और रेल यात्रा जैसे आवागमन में बाधा उत्तपन्न हो, साथ ही बिजली की आपूर्ति में रुकावट के साथ बेहद खराब मौसम की चेतावनी के रूप में इसे जारी किया जाता है. नारंगी चेतावनी (ऑरेंज अलर्ट) का मतलब होता है कि आप अपनी जगह को खाली करने के लिए तैयार रहें और अपने साथ भोजन के पैकेट तैयार रखें. खराब मौसम में अपने और अपने परिवार की रक्षा करने के संकेत के रूप में है ऑरेंज चेतावनी जारी किया जाता है.
4-लाल रंग- लाल अलर्ट का मतलब होता है कार्रवाई करें. जब बेहद खराब मौसम की स्थिति निश्चित रूप से यात्रा को बाधित करती है और बिजली की सप्लाई को भी प्रभावित करती है और ऐसी स्थिति में जीवन को भी महत्वपूर्ण खतरा होता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब रेड एलर्ट जारी होता है तो ऐसी स्थिति में लोगों को अपने परिवारों की सुरक्षा करनी चाहिए और स्थानीय अधिकारियों और आपदा-प्रतिक्रिया टीमों के निर्देशों का पालन करना होता है.
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