Details: देश के पूर्वी हिस्से पर 3 मई को दस्तक देगा चक्रवात फोनी, पीएम मोदी खुद कर रहे हैं इंतजामों की निगरानी
भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत फोनी तूफान का पीछा कर रहे हैं, आईएनएस रणवीर, आईएनएस सहायद्री और आईएनएस कदमत मिशन में लगाए गए हैं. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल के दीघा में 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में फोनी चक्रवात केन्द्रित है.
नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान फोनी शुक्रवार सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे बीच ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में दस्तक दे सकता है. 'फोनी' के आज पुरी के दक्षिणी भाग चांदबाली और गोपालपुर के बीच ओडिशा तट को पार करने की संभावना है. तूफान के दौरान 170-180 किलोमीटर से लेकर 200 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा में पुरी से करीब 360 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से 190 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और पश्चिम बंगाल के दीघा में 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में फोनी चक्रवात केन्द्रित है.
ESCS ‘FANI’ is about 275 km south-southwest of Puri .To move north-northeastwards and cross Odisha Coast between Gopalpur and Chandbali, south of Puri on 3rd May F/N with maximum sustained wind speed of 170-180 kmph . Landfall process will continue till noon/afternoon of 3rd May. pic.twitter.com/oHGJTvUHCr
— India Met. Dept. (@Indiametdept) May 2, 2019
खुद पीएम मोदी कर रहे हैं निगरानी पीएम मोदी ने चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए गुरुवार आयोजित की गई उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. पीएम को इस चक्रवाती तूफान की संभावित दिशा के बारे में जानकारी दी गई. पीएम को इसके साथ ही विभिन्न ऐहतियाती कदमों के साथ-साथ इससे निपटने की तैयारियों के तहत किए गए अनेक उपायों से अवगत कराया गया.बता दें कि भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत फोनी तूफान का पीछा कर रहे हैं, आईएनएस रणवीर, आईएनएस सहायद्री और आईएनएस कदमत मिशन में लगाए गए हैं.
Chaired a high level meeting to review the preparedness relating to Cyclone Fani. The Central Government is ready to provide all possible assistance that would be required.
Prayers for the safety and well-being of our citizens. pic.twitter.com/GLoCzmV1io — Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2019
निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया चक्रवाती तूफान 'फोनी' के पूर्वी तट की ओर मुड़ने के कारण तटीय इलाकों के निचले क्षेत्रों से आठ लाख लोगों को निकालने के लिए बुधवार को एक व्यापक अभियान शुरू किया गया. तटीय जिलों के निचले और चपेट में आने वाले क्षेत्रों के लोगों को 880 चक्रवात केंद्रों, स्कूल और कॉलेज की इमारतें और अन्य ठिकानों जैसे सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. ओडिशा के कम से कम 14 जिले- पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक, गंजम, खुर्दा, जाजपुर, नयागढ़, कटक, गजपति, मयूरभंज, ढेंकानाल और क्योंझर के चक्रवात की चपेट में आने की संभावना है.
फोनी से निपटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं? फोनी से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 81 टीमों को तैनात किया गया है. इन टीमों में चार हजार से अधिक विशिष्ट कर्मी शामिल हैं. चक्रवात के ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने की संभावना है. ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में लगभग 50 टीम पहले से ही तैनात है जबकि अन्य 31 टीमों को तैयार रखा गया है. ओडिशा में पुरी के आस-पास अत्याधुनिक साजो सामान से लैस 28 टीमों को तैनात किया गया है. इसी तरह आंध्र प्रदेश में 12 टीमों और पश्चिम बंगाल में छह टीमों को तैनात किया गया है. बाकी टीमों, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 50 कर्मचारी शामिल हैं, उन्हें इन राज्यों में तैयार रखा गया है.
एहतियान 233 ट्रेनें रद्द, कोलकाता और भुवनेश्वर एयरपोर्ट भी बंद रेलवे ने बीते दो दिन में करीब 223 ट्रेनों को रद्द किया गया है जबकि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए तीन विशेष ट्रेन सेवा में लगाई गई हैं. चार ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया गया है. रेलवे ने कहा कि अगर प्रस्तावित यात्रा के तीन दिन के भीतर टिकट रद्द करने के लिए पेश किया जाता है तो वह यात्रियों को रद्द ट्रेन या रूट बदलने वाली ट्रेन के लिए पूरा पैसा वापस करेगा. आधी रात से भुवनेश्वर के लिए सारी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, कोलकाता एयरपोर्ट तीन मई रात 9.30 बजे से चार मई शाम 6 बजे तक बंद रहेगा.
नासा के सैटेलाइट ने रिकॉर्ड कीं फोनी की तस्वीरें नासा के उपग्रहों एक्वा और टेरा ने चक्रवात फोनी की उपस्थिति दर्ज की है, जो भारत के पूर्वी तट के साथ-साथ उत्तर की ओर आगे बढ़ रहा है. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने एक ब्लॉग में कहा कि उपग्रहों ने चक्रवात फोनी की तस्वीरें मुहैया कराई है. उसने कहा, फोनी 30 अप्रैल और एक मई को उत्तरी हिंद महासागर के माध्यम से उत्तर की ओर आगे बढ़ रहा था, जब एक्वा और टेरा उपग्रहों ने इसकी तस्वीरें मुहैया कराई थी.
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