Mandous Rport: चक्रवाती तूफान मैंडूस ने तमिलनाडु तट पर रात दो बजे दस्तक दे दी. इसके बाद चक्रवाती तूफान ने जमकर तांडव मचाया. अब तक तमिलनाडु में इस तूफ़ान के कारण चार लोगों की मौत की सूचना है. आंधी-तूफान और तेज बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. तूफान की आशंका के मद्देनजर राज्य के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है.
चेन्नई में चक्रवाती तूफान मैंडूस की वजह से 115 मिमी तक बारिश हुई. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि मैं प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहा हूं. नुकसान का आकलन किया जा रहा है. फिलहाल जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार चार लोगों की मौत की सूचना है. साथ ही 98 मवेशियों की भी मौत हुई है, 151 घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
सीएम ने कहा बड़े नुकसान को रोका हमने
सीएम स्टालिन ने कासीमेडु क्षेत्र में स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा किए गए निवारक उपायों ने बड़े नुकसान को रोका. उन्नत योजना के साथ, इस सरकार ने साबित कर दिया कि किसी भी आपदा का प्रबंधन किया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 200 लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर राहत कैंपों में स्थानांतरित किया गया है. करीब 9000 लोगों को भोजन सामग्री प्रदान की गई है. इसके अलावा हादसों से बचने के लिए 15 हजार पेड़ों की शाखाओं को काट दिया है.
क्या हैं हालात
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया है. चेन्नई में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल तैयार है. ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने सभी पार्कों और खेल के मैदानों को बंद करने का आदेश दिया है. दस जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों को तैनात करने के अलावा, तमिलनाडु सरकार ने 5,000 से अधिक राहत केंद्र खोले हैं. अकेले चेंगलपट्टू जिले में 1,058 परिवार ऐसे 28 केंद्रों में चले गए हैं.
कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद
चक्रवाती तूफान मैंडूस की वजह से चेन्नई और कुड्डालोर सहित कई जिलों में स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला लिया गया. मौसम विभाग ने 10 दिसंर को उत्तरी तमिलनाडु और रायलसीमा और दक्षिण आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. 11 दिसंबर को भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
आंध्र प्रदेश के सीएम रेड्डी ने बुलाई बैठक
आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ है. यहां केवीबी पुरम मंडल के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इस दौरान उन्होंने चक्रवात की स्थिति का जायजा लिया और एसपीएसआर नेल्लोर, तिरुपति, चित्तूर और अन्नामय्या जिलों के कलेक्टरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
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