भुवनेश्वर: तटीय राज्य ओडिशा पर एक बार फिर से चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है. बंगाल की खाड़ी में दबाव बढ़ने के बाद इसके चक्रवात का रूप लेने और भारी बारिश की संभावनाओं के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने राज्य के 30 में से 15 जिलों में अलर्ट जारी किया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दबाव का रूख पश्चिम की ओर बढ़ा है और यह फिलहाल बंगाल की खाड़ी में पूर्व मध्य और पड़ोस के दक्षिणपूर्व क्षेत्र और अंडमान निकोबार सागर में केंद्रित है. मौसम विभाग के अनुसार यह अभी ओडिशा के पारादीप के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में 890 किलोमीटर की दूरी पर और पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में 980 किलोमीटर की दूरी पर है.
चक्रवात के ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना बहुत कम
विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि उसके मजबूत होकर गहरे दबाव में तब्दील हेाने और बुधवार को चक्रवातीय तूफान का रूप लेने की संभावना है. हालांकि, चक्रवात के ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना बहुत कम है. राज्य के विशेष राहत आयुक्त और राजस्व और आपदा प्रबंधन के सचिव पीके जेना ने कहा, ‘‘संभावित भारी वर्षा के मद्देनजर हमने राज्य के 30 में से 15 जिलों को एलर्ट कर दिया है.’’
जिन जिलों को अलर्ट पर रखा गया, उनमें बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, गंजाम, पुरी, गजपति, कोरापुट, रायगढ़, नबरंगपुर, कालाहांडी, कंधमाल, बौध, नौपाड़ा और मलकानगिरी शामिल हैं. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इस स्थिति के शुरू में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर और फिर बाद में उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर पश्चिम बंगाल, पड़ोस के बांग्लादेश और ओड़िशा के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हम इसकी गति और दिशा पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. अभी इसके संभावित प्रभाव को लेकर कोई स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आई है.’’ मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अगली सूचना तक समुद्र में न जाएं.
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