बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना साइक्लोन मिचौंग (Cyclone Michaung) गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है. इसका सबसे ज्यादा असर तमिलनाडु, ओडिशा, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में देखने को मिल रहा है. भारी बारिश और बाढ़ के कारण हाल बेहाल है. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. जगह-जगह पानी भर गया है और 100 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से तेज हवाएं चल रही हैं. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बारिश की वजह से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है.


मंगलवार को मिचौंग की आंध्र प्रदेश से टकराने की संभावना है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि मिचौंग के कारण इन इलाकों में अगले 2-3 दिन में जोरादार बारिश हो सकती है. आईएडी के अलर्ट को देखते हुए तमिलनाडु, आंध्रे प्रेदश और ओडिशा में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है और लोगों को भी घर में ही रहने की सलाह दी जा रही है. तबाही मचा रहे साइक्लोन मिचौंग को यह नाम क्यों दिया गया, क्या होता है इसका मतलब और किस देश ने यह नाम दिया आइए जानते हैं-


किस देश ने दिया मिचौंग नाम?
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के अलावा ओडिशा के भी मिचौंग की चपेट में आने की संभावना है इसलिए इसे भी अलर्ट मोड में रखा गया है. तबाही मचा रहे इस साइक्लोन को दिए गए मिचौंग नाम का मतलब ताकत और लचीलापन होता है. यह एक म्यांमी शब्द है. वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) के मुताबिक, मिचौंग नाम म्यांमार द्वारा दिया गया है और म्यांमी भाषा में इसे मिग्जोम (Migjaum) कहा जाता है, जिसका मतलब ताकत और लचीलापन होता है.



क्यों दिया गया मिचौंग नाम
मिचौंग साइक्लोन जिस तरह से तीन राज्यों में कहर बरपा रहा है उसको देखते हुए इसे मिचौंग नाम दिया गया है. इस साल हिंद महासागर में उठने वाला मिचौंग छठा और बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चौथा चक्रवात है. आईएमडी ने 3 दिसंबर को दक्षिणपश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की भविष्यवाणी की थी. इसके अगले दिन तूफान के तमिलनाडु तट पर पहुंचने की भविष्यवाणी की गई थी और चक्रवात ने तमिलनाडु तट को प्रभावित किया. इसके फलस्वरूप भारी बारिश भी हुई. इससे चेन्नई के कई इलाके पानी में डूब गए.


कैसे रखा जाता है साइक्लोन का नाम?
WMO और यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन (ESCAP) के सदस्य देश दुनियाभर में जो भी चक्रवात आता है, तो उसके लिए नामों का सुझाव देते हैं. 13 देश बारी-बारी से तूफान का नाम देते हैं. एक बार जो नाम रखा जाता है उसको रिपीट नहीं किया जा सकता है. अमेरिका में आने वाले तूफानों का नामकरण 1953 में शुरू हुआ था, जबकि हिंद महासागर में तूफानों के नाम रखने का सिलसिला साल 2004 में शुरू हुआ. इन 13 देशों में, भारत, यमन, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान, कतर, यूएई, थाईलैंड, सऊदी अरब, ओमान और मालदीव हैं. सिर्फ उन्हीं तूफानों का नामकरण किया जाता है, जिनकी स्पीड कम से कम 63 किलेमीटर प्रति घंटा हो.


तेज, मोका और बिपरजॉय साइक्लोन का किसने किया था नामकरण
अक्टूबर महीने में अरब सागर से 'तेज' नाम का तूफान उठा था, जिसका नामकरण भारत ने किया था. पहले इसकी भारत के गुजरात में तटीय  इलाकों से टकराने की संभावने थी, लेकिन बाद में आईएमडी ने बताया कि देश में इसका खतरा टल गया है. यह ओमान और यमन की तरफ मुड़ गया था. इससे पहले जून महीने में अरब सागर में उठे बिपरजॉय तूफान का नामकरण बांग्लादेश ने किया था. इस शब्द का मतलब आपदा होता है. बिपरजॉय गुजरात के कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराया था, जिसने काफी तबाही मचाई थी. 7 मई को बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान को मोका नाम दिया गया था. मोका भारत के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा था, जो बाद में म्यांमार से टकरा गया. मोका नाम का सुझाव यमन की ओर से दिया गया था.  


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