Cyclone Michaung Update: दक्षिणी राज्यों में इस वक्त एक नये तूफान 'मिचौंग' का खतरा मंडरा रहा है. ये तूफान आज यानी सोमवार (4 दिसंबर) को तमिलनाडु के तटवर्ती तट से टकरा सकता है. इसके साथ ही ये चक्रवाती तूफान पूर्वी तटीय क्षेत्रों को भी प्रभावित कर सकता है. राज्य सरकार ने इस तूफान के संभावित खतरे से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं. यही वजह है कि पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है.
चेन्नई में भारी बारिश के बाद एक घर ढह गया, जिसमें 2 दो लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा एक शख्स के घायल होने की खबर भी सामने आई है. इतना ही नहीं तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश के बाद गाड़ियां पानी में बह गई. मौसम विभाग ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए बारिश, तूफान और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है. सरकार ने प्राइवेट कंपनियों से कहा है कि वो कर्मचारियों से वर्क फ्राम हॉम कराएं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि वह चक्रवात ‘मिचौंग’ को लेकर देश के पूर्वी तटीय राज्यों की सरकारों के साथ निरंतर संपर्क में हैं. साइक्लोन को देखते हुए साउथ सेंट्रल रेलवे ने 144 ट्रेन कैंसिल कर दी हैं.
पीएम मोदी ने राज्य सरकार से की बात
पीटीआई एजेंसी के मुताबिक, पीएम मोदी ने तमिलनाडु, पुडुचेरी, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव प्रयासों में शामिल होने और स्थानीय प्रशासन की मदद करने का भी आग्रह किया. पीएम ने बीजेपी मुख्यालय में चुनावी जीत पर अपने संबोधन के दौरान कहा,''चक्रवात 'मिचौंग' पूर्वी तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. केंद्र सरकार निरंतर राज्य सरकारों के संपर्क में है और उनकी मदद कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले दिन में चक्रवात ‘मिचौंग’ से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी से बात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
'मिचौंग' शब्द से क्या है मतलब
चक्रवाती तूफान मिचौंग का यह नाम म्यांमार ने दिया है, जिसका अंग्रेजी में उच्चारण मिगजॉम होता है. इस शब्द का अर्थ लचीलापन और ताकत को दर्शाता है. आईएमडी के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हवा के कम दबाव का क्षेत्र रविवार को चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' में तब्दील हो गया. यह उत्तर की ओर बढ़ेगा और दक्षिण आंध्रप्रदेश के तट के समानांतर आगे बढ़ते हुए पांच दिसंबर को पूर्वाह्न नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंधप्रदेश तट को पार करेगा. इस चक्रवाती तूफान के कारण 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवा बह सकती है.
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